नईदिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने आज लोकसभा में कहा कि देश जब आजाद हुए तो आखिरी ब्रिटिश कमांडर यही कहते रहते थे कि भारत कई देशों का महाद्वीप है, कोई भी इसे एक राष्ट्र नहीं बना पाएगा। परन्तु भारतवासियों ने इस आशंका को तोड़ा। आज हम विश्व के सामने एक राष्ट्र के रूप में खड़े हैं और विश्व के लिए एक आशा की किरण हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये हिन्दुस्तान है जो लगभग 75 करोड़ भारतीयों को कोरोना काल के दौरान 8 महीने तक राशन पहुंचा सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि इस कालखंड में भी हमने रीफॉर्म का सिलसिला जारी रखा, हमने भारत की अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के लिए हमने रीफॉर्म के कई कदम उठाए। गाड़ियों की रिकॉर्ड बिक्री और जीएसटी के आंकड़े अर्थव्यवस्था के जोश को दिखाते हैं।
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पीएम मोदी ने कहा कि इस कोरोना काल में तीन कृषि कानून बिल लाए गए। कृषि सुधार का सिलसिला बहुत जरूरी है और इसी दिशा में हमने प्रयास किया है। कृषि क्षेत्र की भावी चुनौतियों ने डील करने का हमने प्रयास किया है। कांग्रेस के लोग कानून के कलर पर बात कर रहे थे कि ब्लैक है या वाइट है लेकिन बेहतर होता कि वह इसके कंटेट और इंटेट पर बहस करते।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सब कुछ पहले जैसा ही है, किसानों के एक अतिरिक्त व्यवस्था मिली है, जहां सही व्यवस्था लगे वह वहां चले जाए, ये नए कानून किसी के लिए भी बंधन नहीं हैं बल्कि विकल्प हैं, जहां विकल्प हो वहां विरोध की जरूरत ही नहीं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आंदोलनकारी ऐसा नहीं करते, आंदोलनजीवी ऐसा करते हैं कि ऐसा हुआ तो वैसा हो जाएगा। मोदी ने कहा कि पुरानी मंडियों पर भी कोई पाबंदी नहीं है, इस बजट में मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए और बजट की व्यवस्था की गई है।
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मोदी ने कहा कि मैं हैरान हूं पहली बार ऐसा तर्क सदन में आया कि मैंने मांगा नहीं था तो दिया क्यों, लेना ना लेना आपकी मर्जी है। पीएम मोदी ने कहा कि हम ये मानते थे कि हिंदुस्तान की बहुत पुरानी पार्टी कांग्रेस जिसने छह दशक तक एक चक्रीय शासन किया, इसका हाल ऐसा हो गया है कि पार्टी का राज्यसभा में अलग रुख रहता है और लोकसभा में अलग। पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी किसान संगठन मे छोटे किसानों के लिए पैसे कि मांग नहीं की थी लेकिन हमने पीएम किसान निधि की शुरुआत की।