प्रधानमंत्री मोदी ने मानव-हाथी संघर्ष से निपटने में असम के ग्रामीणों की अभिनव पहल को सराहा

प्रधानमंत्री मोदी ने मानव-हाथी संघर्ष से निपटने में असम के ग्रामीणों की अभिनव पहल को सराहा

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  • Publish Date - January 19, 2025 / 05:42 PM IST,
    Updated On - January 19, 2025 / 05:42 PM IST

गुवाहाटी, 19 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को असम के नगांव जिले में मानव-हाथी संघर्ष से निपटने के उस अभिनव तरीके की सराहना की जिसके तहत फसलों को बचाने के मकसद से हाथियों को खिलाने के लिए एक विशेष प्रकार की घास लगाई गई।

नगांव में ग्रामीणों के उद्यम की मोदी ने अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के प्रसारण में प्रशंसा की थी।

‘एक्स’ पर ‘हाथी बंधु’ पहल की एक ऑडियो क्लिप साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मानव-पशु संघर्ष को कम करने के लिए असम के नगांव में किया गया एक प्रयास हर किसी को प्रेरित करने की शक्ति रखता है।’’

मोदी ने कहा कि हाथियों की बड़ी आबादी से नगांव मानव-हाथी संघर्ष का सामना कर रहा है, क्योंकि भोजन की तलाश में हाथी फसलों को नष्ट कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आसपास के लगभग 100 गांवों के लोग फसलों के नुकसान से चिंतित थे, लेकिन ग्रामीण यह भी समझ रहे थे कि हाथी अपनी भूख मिटाने के लिए खेतों की ओर रुख कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ‘हाथी बंधु’ नाम से ग्रामीणों की एक टीम बनाई गई, जिसने एक अभिनव विचार दिया।

टीम ने क्षेत्र में लगभग 800 बीघे बंजर भूमि पर हाथियों द्वारा पसंद की जाने वाली ‘नेपियर’ घास लगाने के लिए ग्रामीणों को एक साथ लाया।

इसके परिणामस्वरूप, हाथियों ने खेतों में कम जाना शुरू कर दिया, जिससे हजारों ग्रामीणों को काफी राहत मिली। ऐसा लगता है कि हाथियों को भी यह पसंद आया है।

मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में कहा कि इस पहल से नगांव और कार्बी आंगलोंग जिलों के किसानों को मदद मिली है।

शर्मा ने कहा, ‘‘कुछ समय पहले आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ से जुड़े संबोधन में असम की ‘हाथी बंधु’ पहल के बारे में बात की थी। यह पहल मानव-हाथी संघर्ष को कम करने का एक प्राकृतिक समाधान है।’’

भाषा संतोष सुरेश

सुरेश