अयोध्या। PM Modi coronated Shri Ram: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या नगरी में दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए। बता दें कि शाम से ही दीपोत्सव के लिए राम की पैड़ी पर दीप जलाना शुरू किया गया था। जिसके बाद से रामलला की नगरी दीपों की रोशनी से जगमगा उठी। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक किया इसके साथ ही जनता को संदेश भी दिया।
Viral Video: मौत को छूकर टक से वापस लौटा युवक… सोशल मीडिया पर हो रहा खूब वायरल, देेखें वीडियो |
PM Modi coronated Shri Ram: दीपोत्सव कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज से 6 वर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्ग दर्शन और उनकी प्रेरणा से अयोध्या का दीपोत्सव कार्यक्रम शुरु हुआ है। यह प्रदेश का एक उत्सव देश का उत्सव बनता गया। आज ये अपनी सफलता की नई ऊंचाई को छू रहा है। वहीं कार्यक्रम में जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि श्री रामलला के दर्शन और उसके बाद राजा राम का अभिषेक यह सौभाग्य राम जी की कृपा से ही मिलता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान श्री राम का राज्याभिषेक किया और कहा कि जब श्रीराम का अभिषेक होता है तो हमारे भीतर भगवान राम के आदर्श व मूल्य और दृढ़ हो जाते हैं। राम के अभिषेक के साथ ही उनका दिखाया गया पथ और प्रदीप्त हो उठता है।
इस कांड के बाद लाइमलाइट में आईं थी ये साउथ एक्ट्रेस, पहली बार देखते ही किया था फिल्म ऑफर
PM Modi coronated Shri Ram: पीएम ने कहा कि भगवान राम ने अपने वचन में, अपने विचारों में, अपने शासन में, अपने प्रशासन में जिन मूल्यों को गढ़ा वो सबका साथ-सबका विकास की प्रेरणा हैं और सबका विश्वास-सबका प्रयास का आधार भी हैं। इस बार दीपावली एक ऐसे समय में आई है, जब हमने कुछ समय पहले ही आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं, हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आजादी के इस अमृतकाल में भगवान राम जैसी संकल्प शक्ति देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगी।
Bhai Dooj 2022: इस भाई दूज बहन को दें ये शानदार गिफ्ट्स, खुशी के साथ रिश्तों में आएगी मिठास
PM Modi coronated Shri Ram: लाल किले से मैंने सभी देशवासियों से पंच प्राणों को आत्मसात करने का आह्वान किया है। इन पंच प्राणों की ऊर्जा जिस एक तत्व से जुड़ी हुई है, वो है भारत के नागरिकों का कर्तव्य। आज अयोध्या नगरी में दीपोत्सव के इस पावन अवसर पर हमें अपने इस संकल्प को दोहराना है। भगवान राम मर्यादापुरुषोत्तम कहे जाते हैं। मर्यादा मान रखना भी सिखाती है और मान देना भी सिखाती है और मर्यादा जिस बोध की आग्रही होती है, वो बोध कर्तव्य ही है।