योगी के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ वाले नारे के बाद मोदी का ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का आह्वान

योगी के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ वाले नारे के बाद मोदी का ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का आह्वान

  •  
  • Publish Date - November 8, 2024 / 09:19 PM IST,
    Updated On - November 8, 2024 / 09:19 PM IST

(तस्वीर सहित)

धुले/नासिक, आठ नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान की शुरुआत ‘एक हैं, तो सेफ हैं’ के एकता संदेश के साथ की। उनका यह आह्वान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नारे ‘बटेंगे तो कटेंगे’ के कुछ दिनों के बाद ही आया है।

मोदी ने इस दौरान महाराष्ट्र में कांग्रेस के सहयोगियों को चुनौती दी कि वह नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से 15 मिनट के लिए हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की प्रशंसा में बुलवाकर दिखाएं।

दिन में दो चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए भाजपा के स्टार प्रचारक ने कांग्रेस पर एक जाति को दूसरी जाति से लड़ाने की ‘विभाजनकारी’ राजनीति का आरोप लगाया और कहा कि पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के दिनों से ही पार्टी आरक्षण की विरोधी रही है।

सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के लिए वोट मांगते हुए उन्होंने विकास के एजेंडे का जिक्र किया और महा विकास अघाडी (एमवीए) को दिशाहीन के तौर पर प्रस्तुत करने का प्रयास करते हुए कहा कि विपक्षी धड़ा बिना पहियों या ब्रेक वाले वाहन जैसा है और जहां चालक की सीट पर कब्जा करने के लिए सहयोगियों के बीच लड़ाई है।

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले मतदान के लिए उत्तर महाराष्ट्र के धुले में अपनी पहली रैली में मोदी ने कांग्रेस पर एक जाति को दूसरी के खिलाफ खड़ा करने का आरोप लगाया और लोगों से एकजुट रहने की अपील की।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी का एकमात्र एजेंडा एक जाति को दूसरी जाति के खिलाफ लड़ाना है। वे नहीं चाहते कि एससी, एसटी और ओबीसी प्रगति करें और उन्हें उचित सम्मान मिले… याद रखें, ‘एक हैं तो सेफ हैं’।’’

उल्लेखनीय है कि अपनी रैलियों में भाजपा के वरिष्ठ नेता आदित्यनाथ ‘बटेंगे तो कटेंगे का नारा बुलंद कर रहे हैं।

कांग्रेस पर हमला बोलते हुए मोदी ने उस पर (कांग्रेस पर) आजादी के बाद सत्ता संभालने के बाद से ही आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘नेहरू के समय से ही कांग्रेस और उनके परिवार ने आरक्षण का विरोध किया और अब उनकी चौथी पीढ़ी के युवराज जाति विभाजन के लिए काम कर रहे हैं।’’

मोदी ने कांग्रेस नीत ‘इंडिया’ गठबंधन पर जम्मू-कश्मीर से भारत का संविधान हटाने का प्रयास करने का आरोप लगाया और साथ ही जोर देकर कहा कि दुनिया की कोई ताकत वहां अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं कर सकती।

मोदी ने कहा कि दलितों और आदिवासियों को भड़काने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन कोरी किताबों को संविधान के रूप में पेश कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों को ‘पाकिस्तान के एजेंडे’ को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और अलगाववादियों की भाषा नहीं बोलनी चाहिए। मोदी ने कहा कि जब तक उन्हें लोगों का आशीर्वाद प्राप्त है, तब तक विपक्ष का एजेंडा सफल नहीं होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में केवल (डॉ भीमराव) आंबेडकर के संविधान का पालन किया जाएगा। आपने टीवी पर देखा होगा कि कैसे जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 को वापस लाने का प्रस्ताव रखा गया और जब भाजपा विधायकों ने विरोध किया, तो उन्हें बाहर निकाल दिया गया। देश और महाराष्ट्र को यह समझना चाहिए।’’

मोदी ने कांग्रेस पर जातियों और समुदायों को बांटने का खतरनाक खेल खेलने का भी आरोप लगाया और कहा कि यदि अनुसूचित जनजाति (एसटी), अनुसूचित जाति (एससी) और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) एकजुट रहेंगे तो कांग्रेस की राजनीति समाप्त हो जाएगी।

इससे पहले, मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने धर्म पर राजनीति की जिसके कारण भारत का विभाजन हुआ और अब पार्टी जाति की राजनीति कर रही है। उन्होंने उत्तरी महाराष्ट्र के इस जिले में कहा कि देश के खिलाफ इससे बड़ी कोई साजिश नहीं हो सकती।

उन्होंने कहा कि एमवीए का लोगों और राज्य के विकास के लिए काम करने का कोई इरादा नहीं है और उसके नेताओं का लक्ष्य जनता को लूटना है। एमवीए का गठन धोखे से किया गया था और राज्य ने उनके द्वारा किए गए काम को देखा है।

शिवसेना में एकनाथ शिंदे के विद्रोह से पहले एमवीए दो साल तक सत्ता में था। बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी जून 2022 में दो धड़ों में विभाजित हो गई थी। एक धड़े का नेतृत्व उद्धव ठाकरे जबकि दूसरे का नेतृत्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कर रहे हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘एमवीए ने विकास परियोजनाओं में रोड़े अटकाए और हर उस योजना को रोक दिया जिससे लोगों के जीवन में सुधार हो सकता था। आपके आशीर्वाद से महायुति सरकार बनी और विकास की नयी ऊंचाइयां देखने को मिलीं।’’

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का खोया गौरव और विकास में विश्वास फिर से रास्ते पर आ गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को याद रखना चाहिए कि महायुति आहे तार गति आहे… महाराष्ट्र ची प्रगति आहे (यदि महायुति है, तो महाराष्ट्र की प्रगति और विकास सुनिश्चित है)।’’

नासिक में दिन की दूसरी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने महाराष्ट्र में कांग्रेस के सहयोगी दलों को चुनौती दी कि वह नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर और शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की सार्वजनिक प्रशंसा करवाकर दिखाएं।

मोदी ने कांग्रेस पर सत्ता के लिए अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) को कमजोर और विभाजित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया और इसे ‘परजीवी’ करार दिया जो जीवित रहने के लिए अन्य दलों पर निर्भर है।

उन्होंने भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा, ‘‘हमारे लिए मराठी इतिहास, संस्कृति आस्था का केंद्र है। सावरकर प्रेरणा के स्रोत हैं। लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने मराठी को कभी वह सम्मान नहीं दिया जिसकी वह हकदार है। वे सावरकर को नियमित रूप से गाली देते हैं। एमवीए (महा विकास अघाड़ी) के एक वरिष्ठ नेता ने कांग्रेस युवराज (गांधी का जिक्र करते हुए) से सावरकर का अनादर बंद करने के लिए कहा है क्योंकि यहां चुनाव हो रहे हैं। जो लोग सावरकर को आदर्श मानते हैं, वे कांग्रेस के साथ हैं।’’

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे या किसी अन्य एमवीए सहयोगी का नाम लिए बिना मोदी ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस के सहयोगियों को चुनौती देना चाहता हूं कि वे कांग्रेस युवराज से सावरकर और देश के लिए उनके बलिदानों की प्रशंसा में 15 मिनट बुलवाकर देखें। इसी तरह युवराज को बालासाहेब ठाकरे की तारीफ में भी बोलना चाहिए। आज 8 नवंबर है.. और मैं उनके जवाब का इंतजार करूंगा।’’

शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ विपक्षी गठबंधन एमवीए का एक घटक है।

कांग्रेस पर हमला करते हुए, मोदी ने जोर देकर कहा कि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी अब अखिल भारतीय नहीं रही।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस अब परजीवी कांग्रेस बन चुकी है। ये कांग्रेस पार्टी अब केवल बैसाखियों पर ही जिंदा है। महाराष्ट्र हो, उत्तर प्रदेश हो, बिहार हो, झारखंड हो… ज्यादातर राज्यों में कांग्रेस दूसरी पार्टियों के सहारे ही चुनाव लड़ने की हालत में है।’’

मोदी ने कहा कि कांग्रेस ओबीसी से नाराज है क्योंकि 1990 के दशक में उनके एकीकरण (मंडल राजनीति का युग) के परिणामस्वरूप पार्टी ने सत्ता गंवा दी।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, वह ओबीसी को कमजोर करना चाहती है और उनकी एकता को नष्ट करना चाहती है ताकि उनके लिए फिर से सत्ता में जाने के दरवाजे खुल जाएं।’’

राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा और तीन दिन बाद नतीजे आएंगे।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र पवनेश

पवनेश