प्रधानमंत्री ने मोइदम’ को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में जगह मिलने पर खुशी व्यक्त की

प्रधानमंत्री ने मोइदम’ को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में जगह मिलने पर खुशी व्यक्त की

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  • Publish Date - July 26, 2024 / 03:30 PM IST,
    Updated On - July 26, 2024 / 03:30 PM IST

नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अहोम राजवंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ टीले नुमा ढांचे में दफनाने की 600 साल पुरानी व्यवस्था ‘मोइदम’ को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में जगह मिलने पर शुक्रवार को खुशी व्यक्त की।

मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह भारत के लिए बहुत खुशी और गर्व की बात है। चराइदेव स्थित मोइदम गौरवशाली अहोम संस्कृति को दर्शाते हैं, यह उनके पूर्वजों के प्रति अत्यधिक श्रद्धा का केंद्र भी है। मुझे आशा है कि अधिक से अधिक लोग महान अहोम नियम और संस्कृति के बारे में जानेंगे। खुशी है कि मोइदम विश्व विरासत सूची में शामिल हो गए हैं।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने यह अभिव्यक्ति संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की ओर से ‘मोइदम’ को विश्व विरासत सूची में शामिल किए जाने की घोषणा संबंधी एक पोस्ट का जवाब देते हुए व्यक्त की।

‘मोइदम’ पिरामिड सरीखी अनूठी टीले नुमा संरचनाएं हैं, जिनका इस्तेमाल ताई-अहोम वंश द्वारा अपने राजवंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ दफनाने के लिए किया जाता था। ताई-अहोम राजवंश ने असम पर लगभग 600 साल तक शासन किया था।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र नरेश

नरेश