पिक्सल, दिगंतारा ने पृथ्वी तथा अंतरिक्ष की वस्तुओं की निगरानी के लिए उपग्रह प्रक्षेपित किए

पिक्सल, दिगंतारा ने पृथ्वी तथा अंतरिक्ष की वस्तुओं की निगरानी के लिए उपग्रह प्रक्षेपित किए

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  • Publish Date - January 15, 2025 / 11:26 AM IST,
    Updated On - January 15, 2025 / 11:26 AM IST

बेंगलुरु/ नयी दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा) अंतरिक्ष क्षेत्र में काम करने वाले दो भारतीय स्टार्टअप ‘पिक्सल’ और ‘दिगंतारा’ ने बुधवार को पृथ्वी और उसका चक्कर लगाने वाली वस्तुओं की बारीकी से निगरानी करने के लिए स्पेसएक्स रॉकेट से अपने उपग्रहों को प्रक्षेपित किया जो अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों के लिए एक नए युग की शुरुआत है।

‘पिक्सल’ भारत की पहली निजी कंपनी बन गई है जिसके पास अत्याधुनिक ‘हाइपरस्पेक्ट्रल’ आवृत्ति का उपयोग करने वाले उपग्रहों का अपना समूह है। इस आवृत्ति से 150 से अधिक ‘बैंड्स’ में पृथ्वी का अवलोकन किया जा सकता है। यह कृषि और रक्षा जैसे विविध क्षेत्रों में उपयोगी तकनीक है।

‘दिगंतारा एयरोस्पेस’ ने दुनिया के पहले वाणिज्यिक उपग्रह ‘स्पेस कैमरा फॉर ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग’ (एससीओटी) का प्रक्षेपण किया जो सुरक्षित अंतरिक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए पृथ्वी का चक्कर लगाने वाली पांच सेंटीमीटर जितनी छोटी चीजों की निगरानी करेगा।

अंतरिक्ष यान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरिक्ष की बाहरी निगरानी महत्वपूर्ण है क्योंकि पृथ्वी के चारों ओर की कक्षाएं कृत्रिम उपग्रहों के साथ-साथ अंतरिक्ष मलबे से भरी हैं।

‘पिक्सल’ के तीन ‘फायरफ्लाई’ उपग्रह 30 मीटर मानक से छह गुना अधिक दक्ष हैं। ‘फायरफ्लाई’ इस समय दुनिया का सर्वाधिक रिजॉल्यूशन वाला व्यावसायिक स्तर का हाइपरस्पेक्ट्रल उपग्रह समूह है।

कंपनी के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवैस अहमद ने ‘पीटीआई-भाषा’ ने कहा, ‘‘पहली बार पांच मीटर का हाइपरस्पेक्ट्रल उपलब्ध है। यही बात इसे न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर सबसे अलग बनाती है।’’

‘पिक्सल’ की योजना अगले दो महीन में तीन और तथा भविष्य में 18 और ‘फायरफ्लाई’ उपग्रह प्रक्षेपित करने की है।

‘इंडियन स्पेस एसोसिएशन’ (आईएसपीए) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल ए के भट्ट ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पिक्सल के उपग्रहों का प्रक्षेपण महत्वपूर्ण कदम है।’’

दिगंतारा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिरुद्ध शर्मा ने कहा कि एससीओटी का उद्देश्य अंतरिक्ष सुरक्षा को बढ़ाना, यातायात प्रबंधन को अनुकूलित करना और राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाओं को बढ़ावा देना है।

‘एससीओटी’ सूर्य-समकालिक कक्षा से मौजूदा सेंसर की तुलना में अधिक दक्षता के साथ पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) में चीजों का पता लगा लेगा। मौजूदा सेंसर मौसम की स्थिति, भौगोलिक सीमाओं और सीमित दृश्य क्षेत्रों से बंधे हुए हैं।

कंपनी के एक बयान में कहा गया, ‘‘इन पारंपरिक प्रणालियों के विपरीत, ‘एससीओटी’ अंतरिक्ष में मौजूद चीजों की लगातार निगरानी करता है और पांच सेंटीमीटर जितनी छोटी वस्तुओं का पता लगाता है।’’

भाषा खारी वैभव

वैभव