पित्रोदा की नियुक्ति का मतलब है कि कांग्रेस ने उनकी आपत्तिजनक टिप्पणियों का समर्थन् किया: भाजपा

पित्रोदा की नियुक्ति का मतलब है कि कांग्रेस ने उनकी आपत्तिजनक टिप्पणियों का समर्थन् किया: भाजपा

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  • Publish Date - June 27, 2024 / 07:41 PM IST,
    Updated On - June 27, 2024 / 07:41 PM IST

नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के अध्यक्ष पद पर सैम पित्रोदा की फिर से नियुक्ति का मतलब है कि कांग्रेस भारतीयों, 1986 के सिख विरोधी दंगों और पुलवामा आतंकी हमले के बारे में उनके सभी ‘आपत्तिजनक और अप्रिय’ बयानों का समर्थन करती है।

भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने महज देश के लोगों को ‘बेवकूफ बनाने और भ्रमित करने’ के लिए पित्रोदा के बयान से दूरी बना ली थी।

भाजपा का यह आरोप कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा पित्रोदा को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (आईडब्ल्यूसी) के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किए जाने के एक दिन बाद आया है।

पित्रोदा ने लोकसभा चुनाव के दौरान आठ मई को ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी एक टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा हो गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘पूर्व के लोग चीनी और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी नागरिकों जैसे दिखते हैं’’।

सत्तारूढ़ भाजपा ने पित्रोदा की ‘नस्लीय’ टिप्पणियों को लेकर उन पर निशाना साधते हुए दावा किया था कि इससे विपक्षी दल की ‘विभाजनकारी’ राजनीति बेनकाब हो गई है।

पूनावाला ने आरोप लगाया, ‘‘जैसे ही चुनाव समाप्त हो गए और राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता बना दिया गया, कांग्रेस ने सैम पित्रोदा को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष फिर से नियुक्त कर दिया क्योंकि वह राहुल गांधी के सलाहकार और गुरु हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उनकी पुन: नियुक्ति के साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि सैम पित्रोदा द्वारा भारतीयों, भगवान राम, रामनवमी, सिख नरसंहार, पुलवामा आतंकी हमले के बारे में की गई सभी अप्रिय, आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियों का कांग्रेस समर्थन करती है।’’

भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने देश की जनता को गुमराह करने के लिए उनके बयान से दूरी बना ली थी क्योंकि उनकी टिप्पणी चुनाव के दौरान पार्टी के लिए राजनीतिक रूप से असुविधाजनक थी।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र पवनेश

पवनेश