तिरुवनंतपुरम, दो जनवरी (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केरल इकाई के सचिव एमवी गोविंदन ने बृहस्पतिवार को कहा कि समाज सुधारक श्री नारायण गुरु को ‘सनातन धर्म’ से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है जो ‘चतुर्वर्ण्य’ प्रणाली पर आधारित है।
गोविंदन ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की उस टिप्पणी का समर्थन किया कि ‘एक जाति, एक धर्म और सभी के लिए एक ईश्वर’ का उपदेश देने वाले गुरु को सनातन धर्म के समर्थक के रूप में चित्रित नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “शिवगिरी तीर्थयात्रा के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री का दिया बयान स्पष्ट है और सभी को स्वीकार्य होना चाहिए।”
माकपा नेता ने राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन के बुधवार को शिवगिरी में दिए गए भाषण की आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री का बयान सनातन धर्म के अधिकार को केवल संघ (राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ) परिवार को सौंपने के समान है।
गोविंदन ने आरोप लगाया, “सतीशन सनातन धर्म पर भाजपा-संघ के कुतर्कों पर परदा डालने की कोशिश कर रहे हैं।”
गोविंदन ने कहा कि भाजपा-आरएसएस गठबंधन गुरु के आदर्शों को सनातन धर्म के साथ मिलाने की कोशिश कर रहा है, जो ‘चतुर्वर्ण’ व्यवस्था पर आधारित है।
उन्होंने कहा, “उनका (भाजपा-आरएसएस) अंतिम मकसद संविधान को बदलना और उस प्रणाली के आधार पर हिंदू राष्ट्र बनाना है।”
सतीशन ने कहा था कि सनातन धर्म केवल ‘वर्ण’ व्यवस्था के बारे में नहीं है बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, जिसमें अद्वैत, तत्वमसि, वेद और उपनिषद शामिल हैं और यह अवधारणा संघ परिवार का विशेष अधिकार नहीं होना चाहिए।
भाषा जितेंद्र नरेश
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