नई दिल्ली। राजस्थान में विधायकों की परेड के बाद भी मामला खत्म नहीं हुआ है, पिक्चर अभी बाकी है। सोमवार को सीएम आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई जिसमें कुल 107 विधायक मौजूद थे। लेकिन सचिन पायलट समेत 20 कांग्रेस विधायक मीटिंग में शामिल नहीं हुए। इसके बाद बीजेपी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से विधानसभा में बहुमत साबित करने की मांग कर दी है।
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बीजेपी आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने कहा, “अशोक गहलोत को फौरन बहुमत साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट देना चाहिए। अगर वो अपने विधायकों को रिजॉर्ट ले जा रहे हैं तो साफ है कि उनके पास नंबर्स नहीं हैं और वह सिर्फ अटल सत्य को टालने की कोशिश कर रहे हैं।”
In which case, Ashok Gehlot must immediately call for a floor test, prove his majority, save Rajasthan the drama and get on with the business of governance.
But if he is herding his MLAs to a resort, then clearly he doesn’t have the numbers and is merely delaying the inevitable. https://t.co/ltLNkLFBkn
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 13, 2020
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फिलहाल गहलोत के समर्थन वाले विधायक होटल में हैं। जबकि पायलट के करीबी गुड़गांव में ठहरे हैं। हालांकि गहलोत खेमे के कुछ विधायकों की नजर राजभवन पर भी टिकी होगी जो विधानसभा में बहुमत परीक्षण की मांग मान ले तो खेल बदल सकता है। पायलट जितने ज्यादा विधायकों को तोड़ने में कामयाब रहेंगे, बीजेपी के लिए उतना ही आसान होगा।
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राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में अभी बीजेपी के पास 75 विधायक हैं। इनमें 72 बीजेपी और 3 सहयोगी दल आरएलपी से हैं। अब यदि सचिन पायलट के समर्थक विधायकों की संख्या अगर 20 मान ली जाए और वो इस्तीफे देते हैं तो सदन में विधायकों की कुल संख्या 180 रह जाएगी। यानी बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 91 विधायकों का समर्थन चाहिए।
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बीजेपी ने फ्लोर टेस्ट की मांग ऐसे वक्त में उठाई है जब सचिन पायलट के रुख में नरमी देखी जा रही है। प्रियंका गांधी ने गहलोत और पायलट से बात की है। इसी के बाद पायलट ने कुछ शर्तें सामने रखी हैं। कांग्रेस की तरफ से जयपुर भेजे गए सुरजेवाला ने भी कहा कि ‘कांग्रेस के दरवाजे पहले भी खुले थे, अब भी खुले हैं और आगे भी खुले रहेंगे।