नई दिल्ली। यूपी में बिजली कर्मचारियों के पीएफ घोटाले की जांच अब ईओडबल्यू करेगा। यूपी सरकार ने घोटाले के सिलसिले में एक रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि इस मामले में कई और अधिकारियों की गिरफ्तारी हो सकती है।
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बता दें यूपीपीसीएल ने प्रपोजल के तहत राय मांगी थी कि अगर कर्मचारियों के फंड का पैसा प्राइवेट कंपनियों में लगाया जाए तो ब्याज मिल सकेगा या नहीं। साल 2014 में इस प्रपोजल को अखिलेश यादव की सरकार के दौरान सहमति दी गई। हालांकि इस सहमति में अधिकारिक रूप से सरकार का रोल नहीं होता है फिर भी ट्रस्ट के जरिए निवेश की जाने वाली इस राशि के लिए यूपीपीसीएल ने तत्कालीन चेयरमैन के निर्देशानुसार देवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड में निवेश के लिए मंजूरी दी थी।
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पीएनबी हाउसिंग के अलावा उस वक्त डीएचएफएल में पहली बार 40 करोड़ रूपये का निवेश किया गया, जबकि कानूनों के मुताबिक इस पैसे का निवेश सिर्फ सरकारी वित्तीय संस्थाओं में ही किया जा सकता था। अब जांच कर रही ईओडब्ल्यू इस मामले में तमाम दूसरे अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है।
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