फिर बढ़ सकते है पेट्रोल और डीजल के दाम, 118 डॉलर के पार पहुंचा क्रूड ऑयल का भाव

फिर बढ़ सकते है पेट्रोल और डीजल के दामः Petrol-diesel prices may increase in India after crude oil price, Read full news

  •  
  • Publish Date - May 27, 2022 / 05:50 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:41 PM IST

नई दिल्लीः Petrol-diesel prices may increase  महंगाई की मार झेल रही देश की जनता को एक बार फिर बड़ा झटका लग लग सकता है। पेट्रोल और डीजल के दामों में एक बार फिर बढ़ोत्तरी हो सकती है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक बार फिर कच्चे तेल के दामों में उबाल देखने को मिल रहा है। कच्चे तेल की कीमत दो महीने के उच्चतम स्तर पर ट्रेड कर रहा है। शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड फ्यूचर 118 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया। फिलहाल ये 117।30 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

Read more :  यहां के पूर्व विधायक ने छोड़ी पार्टी, मची सियासत, कहा – पार्टी नेताओं को सम्मान नहीं देती 

Petrol-diesel prices may increase  कच्चे तेल के दामों में ये इजाफा भारत के लिए बुरी खबर है। भारत में पहले ही 22 मार्च से 6 अप्रैल 2022 के बीच 10 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल डीजल महंगा हो चुका है। हालांकि सरकार ने आम लोगों को राहत देने के लिए पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी किया है। पेट्रोल पर 8 रुपये प्रति तो डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी में कमी की गई है। लेकिन कच्चे तेल के कीमतों में तेजी आई तो फिर से पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने का सिलसिला शुरू हो सकता है। जिसके महंगाई और भी बढ़ सकती है। वैसे भी सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल डीजल बेचने पर भारी नुकसान उठाना पड़ रह रहा है।

Read more :  पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में कराए गए भर्ती

जानिए क्या है वजह

इससे पहले यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 2008 के बाद पहली बार 139 डॉलर प्रति बैरल के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा था। रूस से कच्चे तेल के आयात पर बैन लगाने की मांग के चलते तो कीमतों में तेजी है ही साथ ही चीन मे कोरोना के चलते लगाये गए लॉकडाउन में ढील दिए जाने की खबरों के चलते भी कच्चे तेल के दामों में उछाल आई है। दरअसल चीन में लॉकडाउन में ढील दी गई तो इससे कच्चे तेल की मांग बढ़ेगी और सप्लाई में कमी के चलते कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है।