न्यायालय में राजनीतिक दलों को चुनावी बॉण्ड से प्राप्त धन राशि को जब्त करने के लिए याचिका दायर

न्यायालय में राजनीतिक दलों को चुनावी बॉण्ड से प्राप्त धन राशि को जब्त करने के लिए याचिका दायर

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  • Publish Date - July 6, 2024 / 10:37 PM IST,
    Updated On - July 6, 2024 / 10:37 PM IST

नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर करके राजनीतिक दलों को वर्ष 2018 की उस चुनावी बॉण्ड योजना के तहत प्राप्त धन राशि को जब्त करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है जिसे शीर्ष अदालत ने फरवरी में रद्द कर दिया था।

याचिकाकर्ता खेम सिंह भाटी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि 15 फरवरी को ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ बनाम भारत संघ के मामले में शीर्ष अदालत ने चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 19 का उल्लंघन था।

इसमें कहा गया है कि इस अदालत ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को फैसले की तारीख से चुनावी बॉण्ड जारी नहीं करने और 12 अप्रैल, 2019 से फैसले की तारीख तक खरीदे गए बॉण्ड के विवरण का खुलासा करने का निर्देश दिया।

याचिका में आरोप लगाया है कि, ‘‘यह कहा गया कि चुनावी बॉण्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त धन राशि न तो ‘दान’ थी और न ही ‘स्वैच्छिक योगदान’ थी, बल्कि यह सरकारी खजाने की कीमत पर अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए ‘किसी चीज के बदले कुछ देने’ के माध्यम से विभिन्न कॉर्पोरेट घरानों से प्राप्त ‘वस्तु विनिमय धन’ था।’’

वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया द्वारा तैयार की गई और वकील जयेश के उन्नीकृष्णन के माध्यम से दायर की गई याचिका में दावा किया गया कि चुनावी बॉण्ड की खरीद और नकदीकरण के विवरण से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि कंपनियों द्वारा राजनीतिक दलों को चुनावी बॉण्ड के माध्यम से भुगतान किया गया पैसा ‘‘या तो आपराधिक मुकदमे से बचने के लिए था या अनुबंध या अन्य नीतिगत मामलों के माध्यम से मौद्रिक लाभ प्राप्त करने के लिए था।’’

याचिकाकर्ता ने सार्वजनिक प्राधिकार द्वारा दानदाताओं को पहुंचाए गए कथित ‘अवैध लाभ’ की जांच के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया।

भाषा संतोष माधव

माधव