प्रयागराज, 14 सितंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मिर्जापुर जिले के विंध्याचल पर्वतमाला में स्थित मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर परिसर के भीतर बने छोटे मंदिरों को गिराने के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध वाली जनहित याचिका खारिज कर दी है। ये छोटे मंदिर निर्माणाधीन मंदिर कॉरिडोर की जगह में आते हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति ए. के. ओझा की खंडपीठ ने मिर्जापुर के अरुण पाठक नाम के व्यक्ति द्वारा दायर इस याचिका को खारिज कर दिया।
याचिका दायर कर अदालत से अनुरोध किया था कि वह राज्य सरकार और संबद्ध अधिकारियों को मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर परिसर के भीतर बने कुछ छोटे मंदिरों को ध्वस्त नहीं करने का निर्देश दे।
पीठ ने कहा कि इससे पहले भी इस अदालत द्वारा 30 मार्च, 2007 को एक जनहित याचिका खारिज की जा चुकी है। निजी मंदिर के खिलाफ जनहित याचिका विचारणीय नहीं है और इस आधार पर यह अदालत इस याचिका को खारिज करती है।
सरकारी वकील ने अदालत को पूर्व के आदेश और मंदिर परियोजना के बारे में अवगत कराया और दलील दी कि यह जनहित याचिका विचार करने योग्य नहीं है।
भाषा राजेंद्र अर्पणा
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