नयी दिल्ली, नौ नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में पालतू जानवरों की सभी दुकानों और कुत्तों के प्रजनन केंद्रों को एक महीने के भीतर दिल्ली पशु कल्याण बोर्ड के पास पंजीकरण कराना होगा, अन्यथा उन्हें बंद कर दिया जाएगा। एक सार्वजनिक नोटिस में यह जानकारी दी गई।
यह कदम दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा देश के कानूनों के प्रति जवाबदेही और अनुपालन सुनिश्चित करने के आदेश के मद्देनजर उठाया गया है।
दिल्ली पशु कल्याण बोर्ड ने छह नवंबर को जारी अपने सार्वजनिक नोटिस में आदेश दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में पालतू जानवरों की सभी दुकानें और कुत्तों के प्रजनन केंद्र एक महीने के भीतर अपना पंजीकरण कराएं।
इसमें कहा गया कि अनुपालन न करने पर गैर-पंजीकृत प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया जाएगा।
नोटिस में कहा गया है कि बोर्ड ने सहूलियत के लिए ‘ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल’ के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा शुरू कर दी है।
बोर्ड के अनुसार इस कदम का उद्देश्य पशु कल्याण को बढ़ावा देना तथा कानूनी मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना है।
नोटिस के बारे में बोर्ड की कार्यकारी समिति के सदस्य अशर जेसुदॉस ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘कुत्ता प्रजनन और विपणन नियम, 2017 और पालतू पशु दुकान नियम, 2018 के तहत देश भर में पालतू जानवरों की दुकानों और कुत्तों के प्रजनन केंद्रों के लिए दिल्ली पशु कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इस पंजीकरण के बिना किसी भी दुकान या कुत्तों के प्रजनन केंद्र का संचालन करना अवैध है।’
जेसुदॉस ने कहा, ‘हमारी टीम ने पालतू जानवरों की कई दुकानों का दौरा किया, जिनमें देखा कि कई नियमों का उल्लंघन हुआ।’’
उन्होंने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद विभाग ने अखबारों में विज्ञापनों के माध्यम से अपने प्रयासों को तेज कर दिया है।
जेसुदॉस ने कहा, ‘कोई भी प्रतिष्ठान जो इस नोटिस के जारी होने के एक महीने के भीतर पंजीकरण कराने में विफल रहता है, उसे पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत बनाए गए नियमों के अनुसार बंद या सील कर दिया जाएगा।’
भाषा
योगेश वैभव
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