नई दिल्ली । कोरोना काल में कई लोग बेरोजगार हो चुके हैं। अब एक और बुरी खबर सामने आई है। एक सर्वे में दावा किया गया है कि कोरोना महामारी की वजह से फ्रेशर लेवल पर परमानेंट नौकरी की चाहत रखने वालों को तगड़ा झटका लगेगा, जबकि टेम्परेरी वर्कर्स को बेहतर मौके मिलेंगे।
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सर्वे कराने वाली कंसल्टेंट कंपनी के चीफ की माने तो इस साल की शुरुआत में भारत में इकोनॉमिक ग्रोथ रिकवरी अच्छी चल रही थी, और हायरिंग भी तेजी से हो रही थी। लेकिन कोरोना महामारी की दूसरी लहर का बेरोजगारी की दर और हायरिंग प्रक्रिया पर बेहद बुरा असर पड़ा। प्रतिबंधों की वजह से कई सेक्टर्स में लोगों की नौकरियां चली गईं।
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सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों ने माना कि देश में हायरिंग को लेकर हालात अभी होल्ड पर हैं, क्योंकि देश अभी दूसरी लहर की चपेट में है। इसके अलावा राज्यों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों, लॉकडाउन की वजह से कई सेक्टर्स पर असर पड़ा है। हालांकि सर्वे में 51 परसेंट लोगों ने माना कि साल के अंततक हालात बेहतर होंगे, जबकि 61 परसेंट का कहना है कि प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों की एक बार फिर से बहार आएगी।
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स्टाफिंग और HR सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी Genius Consultants के मुताबिक 57 परसेंट से ज्यादा प्रतिभागियों का मानना है कि परमानेंट कर्मचारियों के लिए नई नौकरी की स्थिति पर हायरिंग फ्रीज का बुरा असर पड़ेगा। हालांकि 43 परसेंट यही बात टेम्परेरी वर्कर्स के लिए मानते हैं। ये ऑनलाइन सर्वे 28 मई से लेकर 30 जून, 2021 तक सभी सेक्टर्स के 1000 से ज्यादा कंपनी लीडर्स और एग्जीक्यूटिव्स के बीच कराया गया।
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उनका कहना है कि परमानेंट के मुकाबले टेम्परेरी वर्कर्स ज्यादा अच्छे तरीके से नौकरी पा सकेंगे, क्योंकि ई-कॉमर्स सेक्टर्स में उनके लिए काफी बेहतर मौके हैं। सर्वे के मुताबिक 69 परसेंट लोगों ने माना है कि ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। मैन्यूफैक्चरिंग, मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री पर भी बुरा असर पड़ेगा।