नई दिल्ली: हमारा देश भले ही आज इक्कीसवीं सदी में प्रवेश कर लिया हो और विकास के कई दावे किए जा रहे हो लेकिन महिलाओं के कई मामलों में अभी भी देश में पिछड़ापन और भ्रातियां व्याप्त है। महिलाओं के मामले में कहने का मतलब है उनकी महावारी को लेकर लोगों में अलग-अलग तरह की सोच है। या यूं कहें कि पीरियड के दौरान महिलाओं को छुआछूत की नजरों से देखा जाता है। लेकिन इसी बीच देश की राजधानी दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने महावारी के दौरान खाना बनाया और कार्यक्रम में आमंत्रित लोगों को खिलाया। बताया गया कि इस कार्यक्रम में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनिष सिसोदिया भी पहुंचे थे और उन्होंने भी खाना खाया।
मिली जानकारी के अनुसार यह कार्यक्रम बीते दिनों भुज के एक कॉलेज में छात्राओं के कपड़े उतरवाकर महावारी की जांच किए जाने के विरोध में किया गया था। इस दौरान महावारी के दौरान खाना बनाने वाली महिलाओं ने एप्रॉन पहन रखा थां, जिसमें लिखा था कि ‘मैं महावारी में हूं’।
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गौरतलब है कि बीते दिनों गुजरात के भुज इलाके के सहजानंद गर्ल्स इंस्टीट्यूट के हॉस्टल में सेनेटरी पैड मिलने के बाद बवाल मच गया था। इसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने यहां रहने वाली 678 लड़कियों के अंडरगारमेट उतरावाकर चेक किया था कि किसे पीरियड हुआ है।
माहवारी महाभोज period feast an initiative to celebrate women menstural dignity is a tight slap on those who think this to be a curse to womanhood. special thanks to @msisodia Sir & Team for being the guest of honour.Great job done by Dr. @drsurbhisingh22 for raising voice . pic.twitter.com/pnDYMVjTQJ
— Satvinder Singh (@satvinder989023) February 23, 2020
इस घटना को कुछ ही दिन हुआ था कि भुज में स्वामी नारायण मंदिर के स्वामी कृष्णस्वरूप दास बाबा ने एक बयान जारी किया था। उनका कहना था कि अगर कोई पुरुष उस महिला के हाथ का बना खाना खाता है जो महावारी में है, तो वह बैल बनेगा। वहीं अगर कोई महिला यह जानते हुए भी कि वो महावारी में है और अपने हाथ से बना खाना किसी दूसरे को खिलाती है तो उसे भी एक जानवर का जन्म मिलेगा।
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