लोगों को प्रदर्शन करने का अधिकार, लेकिन कानून हाथ में लेने का नहीं: ममता बनर्जी

लोगों को प्रदर्शन करने का अधिकार, लेकिन कानून हाथ में लेने का नहीं: ममता बनर्जी

लोगों को प्रदर्शन करने का अधिकार, लेकिन कानून हाथ में लेने का नहीं: ममता बनर्जी
Modified Date: April 14, 2025 / 09:00 pm IST
Published Date: April 14, 2025 9:00 pm IST

कोलकाता, 14 अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में विभिन्न स्थानों पर वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा पर सोमवार को कहा कि सभी को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए।

ममता ने दक्षिण कोलकाता के कालीघाट में काली मंदिर के पास एक ‘स्काईवॉक’ का उद्घाटन करते हुए लोगों से धर्म के नाम पर गैर-धार्मिक गतिविधियों में शामिल न होने का भी आग्रह किया।

ममता ने कहा, “हर किसी को अनुमति के साथ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का लोकतांत्रिक अधिकार है। मैं लोगों से अनुरोध करूंगी कि वे कानून को अपने हाथ में न लें। कानून की रक्षा के लिए हमारे पास संरक्षक हैं और हमें किसी राक्षस की जरूरत नहीं है।”

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उन्होंने लोगों से किसी के भी उकसावे में न आने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा, “कृपया धर्म के नाम पर गैर-धार्मिक गतिविधियों में शामिल न हों।”

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने कहा कि विभिन्न धर्मों के कार्यक्रम में भाग लेने के कारण कुछ लोग न सिर्फ उनकी आलोचना करते हैं, बल्कि उनका उपनाम भी बदल देते हैं।

मुर्शिदाबाद के धुलियान इलाके में संशोधित वक्फ अधिनियम के विरोध में शुक्रवार को भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए।

विपक्षी इंडियन सेक्युलर फ्रंट के समर्थकों की सोमवार को दक्षिण 24 परगना जिले के भांगर में पुलिस के साथ झड़प हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए और कई पुलिस वाहनों को आग लगा दी गई।

ममता ने ‘स्काईवॉक’ का उद्घाटन करने के बाद प्रसिद्ध मंदिर तक पहुंचने के लिए इसका उपयोग किया।

ममता के साथ महापौर फिरहाद हकीम, खेल मंत्री अरूप बिस्वास और अन्य लोग भी मौजूद थे।

भाषा जितेंद्र दिलीप

दिलीप


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