जम्मू-कश्मीर : Jammu and Kashmir Assembly Elections 2024 श्रीनगर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महबूबा मुफ्ती ने पीडीपी घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि अगर हम सत्ता में आए तो 200 यूनिट फ्री बिजली देंगे, साथ ही पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी। भर्ती प्रक्रिया को तेज़ किया जाएगा. संविदा शिक्षकों का मानदेय बढ़ाएंगे तथा भर्ती प्रक्रिया तेजी लाया जाएगा और जेल में बंद लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करेंगे।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों यानी 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी। परिणाम 4 अक्टूबर को आएंगे। इसी क्रम में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने श्रीनगर में अपनी पार्टी का मेनिफेस्टो जारी कर दिया। मुफ्ती ने कहा हमने हमेशा समाधान और सुलह के लिए काम किया है। अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के बाद, जम्मू-कश्मीर में स्थिति खराब हो गई है। हम चाहते हैं कि एलओसी के आर-पार लोगों के बीच संपर्क हो तथा पीओके में शारदा पीठ तीर्थस्थल तक जाने का रास्ता खोला जाए, ताकि कश्मीरी पंडित वहां जा सकें।
Jammu and Kashmir Assembly Elections 2024 महबूबा मुफ्ती ने पीडीपी घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि अगर हम सत्ता में आए तो 200 यूनिट फ्री बिजली देंगे। इसके साथ ही पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी। भर्ती प्रक्रिया को तेज़ किया जाएगा। संविदा शिक्षकों का मानदेय बढ़ाया जाएगा। जेल में बंद लोगों को मुफ़्त कानूनी सहायता प्रदान करेंगे और मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों को मुफ़्त बिजली प्रदान करेंगे। मुफ्ती ने यह भी कहा कि हम जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध हटाने और उनकी संपत्तियां वापस सौंपने का प्रयास करेंगे। मैं केंद्रीय गृह मंत्री से अनुरोध करती हूं कि वे LoC के आर-पार व्यापार फिर से शुरू करें।
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पीडीपी अध्यक्ष मुफ्ती ने बताया कि अनुच्छेद-370 जम्मू-कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच एक पुल था। परंतु अब वह ब्रिज खत्म हो गया है। अलगाववादियों को बीजेपी सरकार द्वारा जेल में डाल दिया गया है। उन्हें याद रहे कि उनके अपने नेता अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने यासीन मलिक, शब्बीर शाह और मीरवाइज फारूक से भेंट की थी। उनको जेल में डालना कोई हल नहीं है, कश्मीर मुद्दा अभी भी जीवित है, नहीं तो इंजीनियर रशीद जीत ही नहीं पाते।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मेरे लिए सरकार बनाने से ज्यादा कश्मीर समस्या का समाधान अहम है। यदि एनसी और कांग्रेस हमारे मेनिफेस्टो को समर्थन देते हैं और इसे लागू करने की मंशा रखते हैं। तो उनके लिए मैं सभी सीटें छोड़ दूंगी। हालांकि मुफ्ती ये भी कहा कि उनका बीजेपी के साथ फिर से हाथ मिलाने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
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