नयी दिल्ली, 26 मार्च (भाषा) संसद की एक समिति ने पर्यटन क्षेत्र में राज्यों के मूल्यांकन के लिए एक प्रणाली विकसित करने की पैरवी की है ताकि इस क्षेत्र में प्रदेशों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होगी जो पर्यटन विकास का परिदृश्य बदल देगी।
परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि यह प्रणाली पर्यटन क्षेत्र प्रशासन के लिए एक डेटा-संचालित दृष्टिकोण स्थापित करेगी।
जनता दल (यूनाइटेड) के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य संजय झा की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा, ‘‘समिति पर्यटन परियोजनाओं को लागू करने में उनकी दक्षता, दस्तावेज़ीकरण को समय पर प्रस्तुत करने और धन के उपयोग के तौर-तरीकों के आधार पर राज्यों का मूल्यांकन करने के लिए एक प्रदर्शन-आधारित ढांचे का प्रस्ताव करती है।’’
समिति का कहना है कि यह प्रतिस्पर्धी दृष्टिकोण उच्च प्रदर्शन वाले क्षेत्रों को अतिरिक्त संसाधन आवंटित करने के लिए वस्तुनिष्ठ दायरा प्रदान करते हुए राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा करेगा और पर्यटन विकास परिदृश्य को बदल देगा।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति पर्यटन सूक्ष्म उद्यमियों-स्थानीय गाइडों, होमस्टे संचालकों, शिल्प उत्पादकों और अनुभवी रचनाकारों के लिए एक व्यापक सहायता प्रणाली स्थापित करने की सिफारिश करती है क्योंकि ये सभी प्रामाणिक पर्यटन अनुभवों की रीढ़ हैं, लेकिन अक्सर औपचारिक व्यावसायिक बुनियादी ढांचे तक पहुंच की कमी होती है।’’
समिति का कहना है कि यह पहल पांच वर्षों के भीतर 15 लाख व्यवहार्य ग्रामीण पर्यटन सूक्ष्म उद्यम तैयार कर सकती है, जिससे भारत के पर्यटन के दायरे और प्रामाणिकता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
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हक मनीषा
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