संसदीय समिति ने मीडिया कानूनों को मजबूत बनाने व खबरों में सनसनी पर चर्चा की

संसदीय समिति ने मीडिया कानूनों को मजबूत बनाने व खबरों में सनसनी पर चर्चा की

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  • Publish Date - January 31, 2025 / 09:24 PM IST,
    Updated On - January 31, 2025 / 09:24 PM IST

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) संसद की एक समिति के कई सदस्यों ने शुक्रवार को मीडिया से जुड़े कानूनों को मजबूत बनाने और समाचार पोर्टल तथा ‘ओटीटी’ को उनके दायरे में लाने की वकालत की वहीं समिति के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने ‘बड़े पैमाने पर’ पेड न्यूज तथा ‘टीआरपी’ के लिए कुछ समाचार चैनलों द्वारा सनसनी फैलाने जैसे मुद्दे उठाए।

सूत्रों ने बताया कि संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी संसदीय समिति के ज्यादातर सदस्यों का मानना ​​था कि ‘प्रिंट’ को कवर करने वाले भारतीय प्रेस परिषद अधिनियम को मजबूत बनाया जाना चाहिए तथा नए पोर्टल को भी इसके अधिकार क्षेत्र में लाया जाना चाहिए।

सूत्रों ने कहा कि यह अजीब स्थिति है कि अर्ध-न्यायिक निकाय पीसीआई (भारतीय प्रेस परिषद) किसी समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट का संज्ञान ले सकती है, लेकिन यदि रिपोर्ट उसी समाचार पत्र के पोर्टल पर प्रकाशित होती है, तो वह ऐसा नहीं कर सकती।

उन्होंने बताया कि इसी तरह, केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम के दायरे में समाचार चैनल आते हैं लेकिन ‘स्ट्रीमिंग’ मंच उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आते, जिन्हें ओटीटी (ओवर द टॉप) सेवाएं भी कहा जाता है।

समिति ने शुक्रवार को बैठक में ‘‘सभी प्रकार के मीडिया से संबंधित कानूनों के कार्यान्वयन’’ की समीक्षा की।

दुबे ने वास्तविकता को दबाने और बेहतर स्थिति दर्शाने के उद्देश्य से ‘बड़े पैमाने पर’ पेड न्यूज के चलन पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भोले-भाले लोग इसे सच मान लेते हैं।

सूत्रों ने बताया कि भाजपा सांसद ने डिजिटल व्यवधान और पाठकों की घटती संख्या के कारण पारंपरिक समाचार पत्रों की चुनौतियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय और भाषाई मीडिया गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा है।

दुबे ने कहा कि फर्जी खबरें देश में ‘तबाही’ मचा रही हैं, खासकर चुनावों के दौरान। उन्होंने कहा कि सनसनीखेज मामलों के ‘मीडिया ट्रायल’ कभी-कभी इसकी कानूनी स्थिति को प्रभावित करते हैं और जनता की राय को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करते हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार और लोगों के बीच संवाद में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि मीडिया संगठन के मालिकों, पत्रकारों और राजनीतिक इकाइयों के बीच हितों के टकराव से समाचार की विश्वसनीयता प्रभावित होती है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, प्रसार भारती, प्रेस रजिस्ट्रार जनरल और भारतीय प्रेस परिषद के प्रमुख पदाधिकारी समिति के समक्ष उपस्थित हुए।

भाषा अविनाश संतोष

संतोष