संसद ने करगिल विजय दिवस पर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले शूरवीरों को दी श्रद्धांजलि

संसद ने करगिल विजय दिवस पर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले शूरवीरों को दी श्रद्धांजलि

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  • Publish Date - July 26, 2024 / 12:54 PM IST,
    Updated On - July 26, 2024 / 12:54 PM IST

नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले शूरवीरों को श्रद्धांजलि दी और उनके पराक्रम को याद किया।

राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कृतज्ञ राष्ट्र करगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा प्रदर्शित अदम्य साहस और वीरता को संजोते हुए आज करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस अवसर पर यह सभा हमारे सशस्त्र बलों की प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों और करगिल के कठिन भू-भाग के बावजूद दुश्मन पर शानदार विजय प्राप्त करने के लिए उनकी असाधारण बहादुरी के लिए उनके दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता को नमन करती है।’’

उन्होंने कहा कि उच्च सदन उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है जिन्होंने करगिल युद्ध के दौरान देश की रक्षा करने और राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।

इसके बाद सदस्यों ने कुछ पल मौर रखकर इस युद्ध में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले बहादुर सैनिकों के सम्मान में मौन धारण किया।

लोकसभा की कार्यवाही आरंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने करगिल युद्ध में शहीद होने वाले सैन्यकर्मियों और जवानों के पराक्रम का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारा देश राष्ट्रीय एकता, संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए समर्पित भारतीय सेना के अद्भुत पराक्रम और बलिदान की याद में करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है। करगिल युद्ध के दौरान हमारे वीर सैनिकों ने कठिन भौगोलिक बाधाओं, प्रतिकूल मौसम के बावजूद अदम्य साहस और असाधारण वीरता का परिचय देते हुए विजय प्राप्त की।’’

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘यह सभा वीर शहीदों को नमन करती है और अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करती है।’’

इसके बाद सदस्यों ने कुछ क्षण मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी

भारतीय सेना ने लद्दाख में स्थित करगिल की बर्फीली चोटियों पर लगभग तीन महीने तक चले युद्ध में जीत हासिल करते हुए 26 जुलाई 1999 को ‘ऑपरेशन विजय’ की सफल समाप्ति का ऐलान किया था।

पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में इस दिन को ‘करगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र माधव

माधव