चंडीगढ़, 27 दिसंबर (भाषा) पंजाब विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए एक शोक सभा का आयोजन किया।
डॉ. सिंह पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र थे।
इस सभा में कुलपति प्रोफेसर रेणु विज, रजिस्ट्रार वाईपी वर्मा और संकाय सदस्य तथा अन्य कर्मचारी शामिल हुए।
इस दौरान सिंह को श्रद्धांजलि दी गई और उपस्थित लोगों ने राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान और विश्वविद्यालय के साथ उनके जुड़ाव पर विचार व्यक्त किये।
अर्थशास्त्र विभाग और पंजाब विश्वविद्यालय पूर्व छात्र संघ द्वारा संयुक्त रूप से एक और शोक सभा का आयोजन किया गया।
मनमोहन सिंह ने 1954 में विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में परास्नातक की उपाधि हासिल की और अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था।
वे विश्वविद्यालय में सीनियर लेक्चरर (1957-1959), अर्थशास्त्र में ‘रीडर’ (1959-1963) और अर्थशास्त्र के प्रोफेसर (1963-1965) भी रहे थे।
विभाग में उनके नाम पर एक ‘पीठ’ की स्थापना की गई।
पंजाब विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर और अर्थशास्त्र विभाग की अध्यक्ष स्मिता शर्मा ने डॉ. मनमोहन सिंह को देश में आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में याद किया।
शर्मा ने मीडिया को वह कमरा दिखाया, जहां डॉ. मनमोहन सिंह अन्य प्राध्यापकों के साथ बैठते थे।
स्मिता शर्मा ने भी पंजाब विश्वविद्यालय में ही पढ़ाई की है।
उन्होंने कहा कि उनके शिक्षक प्रोफेसर वी के गुप्ता विश्वविद्यालय में मनमोहन सिंह के छात्र थे।
शर्मा ने कहा, “ डॉ. सिंह हमारे विश्वविद्यालय के सबसे प्रतिष्ठित पूर्व छात्र हैं।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री और चंडीगढ़ से कांग्रेस के मौजूदा सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि मनमोहन सिंह के साथ उनका जुड़ाव उस समय से है, जब उनके माता-पिता और वह (मनमोहन सिंह) यहां पंजाब विश्वविद्यालय में पड़ोसी थे।
तिवारी ने कहा, “वे मुझे लगभग उस दिन से जानते थे, जिस दिन मैंने इस दुनिया में अपनी आंखें खोली थीं।”
तिवारी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “भगवान के तरीके कितने अजीब हैं। मुझे कल (शनिवार) सुबह उनसे मिलना था।”
उन्होंने कहा, “मृदुभाषी, विद्वान, बुद्धिमान लेकिन दृढ़ निश्चयी डॉ. सिंह उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा थे, जिनके लिए उन्होंने 1991 में आर्थिक उदारीकरण के साथ अवसरों के द्वार खोले थे।”
तिवारी ने कहा कि इन वर्षों में उनके डॉ. मनमोहन सिंह के साथ व्यक्तिगत संबंध रहे हैं और उनकी सरकार में वे केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री भी रहे हैं।
भारत में आर्थिक सुधारों के सूत्रधार डॉ. मनमोहन सिंह का दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में बृहस्पतिवार रात को निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि सिंह अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ खुलकर चर्चा करते थे और कनिष्ठ सहयोगियों को काफी प्रोत्साहित करते थे।
कांग्रेस नेता और चंडीगढ़ से पूर्व सांसद बंसल ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की एक बात याद करते हुए कहा ‘ओबामा ने कहा था कि अगर दुनिया में डॉ. मनमोहन सिंह जैसे पांच नेता होते, तो यह एक अलग दुनिया होती।’
बंसल ने कहा कि देश हमेशा अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सिंह का ऋणी रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘मुझे उनकी मंत्रिपरिषद में काम करने का सौभाग्य मिला। वह एक महान प्रशासक थे, वह बेजोड़ विनम्रता वाले एक बेहतरीन इंसान थे।’
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता ओ पी सोनी ने भी मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी।
सोनी ने कहा, ‘मैं उनसे तीन-चार महीने पहले दिल्ली स्थित उनके घर पर मिला था। उन्हें अमृतसर और पंजाब से बहुत प्यार था। जब वे प्रधानमंत्री थे, तो हमने अमृतसर और उसके उद्योग के लिए बहुत काम किया।’
यह पूछे जाने पर कि अमृतसर अपने लजीज खाने के लिए भी जाना जाता है, तो क्या इस पवित्र शहर में अपना बचपन बिताने वाले सिंह को किसी स्थानीय व्यंजन से कोई लगाव था, सोनी ने कहा, ‘उन्हें हमेशा सादा खाना पसंद था। हालांकि, उन्हें सरसों का साग बहुत पसंद था।’
अमृतसर के मध्य भाग में रहने वाले सोनी ने कहा, ‘जब 2015 में मेरे पिता का निधन हुआ, तो वे शोक व्यक्त करने के लिए मेरे घर आए थे।’
भाषा जितेंद्र मनीषा
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