चेन्नई, मार्च 29 (भाषा) अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने शनिवार को सत्तारूढ़ द्रमुक से पूछा कि क्या तमिलनाडु में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के कारण होने वाली मौतें उसकी अंतरात्मा को नहीं झकझोरती हैं और आरोप लगाया कि द्रमुक नेताओं के हाथ कई नीट अभ्यर्थियों के खून से सने हैं।
चिकित्सा की पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाली एक छात्रा की यहां हुई मौत पर दुख व्यक्त करते हुए विपक्ष के नेता पलानीस्वामी ने नीट लागू करने के लिए द्रमुक को जिम्मेदार ठहराया, क्योंकि यह 2004 से 2013 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाले संप्रग का घटक था।
चेन्नई की रहने वाली लड़की ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली, क्योंकि वह इस परीक्षा से डर गई थी।
पलानीस्वामी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में तमिलनाडु के छात्रों के मेडिकल की पढ़ाई करने के ‘सपनों को चकनाचूर करने की नींव रखने’ के लिए द्रमुक की आलोचना करते हुए पूछा: ‘द्रमुक, जिसने यह झूठ फैलाकर (लोगों को) धोखा दिया कि अगर वह राज्य में सत्ता में आई, तो तमिलनाडु में नीट परीक्षा नहीं होगी; नीट के कारण लगातार हो रही मौतें क्या उसकी अंतरात्मा को नहीं झकझोरती हैं?
इसके अलावा अन्नाद्रमुक प्रमुख (पूर्व मुख्यमंत्री) ने 19 छात्रों का नाम लिया और आरोप लगाया कि नीट को लेकर डर की वजह से सितंबर 2021 से मार्च 2025 के बीच उन्होंने आत्महत्या कर ली। द्रमुक ने सात मई 2021 को सत्ता संभाली थी।
पलानीस्वामी ने पूछा, ’19 छात्रों की मृत्यु पर मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के पास क्या जवाब है?’
अन्नाद्रमुक प्रमुख ने आरोप लगाया कि द्रमुक नेताओं के हाथ कई नीट अभ्यर्थियों के खून से सने हैं।
साल 2026 के विधानसभा चुनावों में मुकाबला तमिलगा वेत्री कषगम (टीवीके) और द्रमुक के बीच होने संबंधी अभिनेता से नेता बने विजय के बयान के बारे में पूछे जाने पर पलानीस्वामी ने कहा, ‘यह उनकी राय है। सभी पार्टी के नेता ऐसी बातें कहते हैं; इसका उद्देश्य पार्टी का विकास करना और पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करना है।’
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव मार्च-अप्रैल 2026 तक हो सकते हैं।
भाषा
शुभम दिलीप
दिलीप