पलक्कड़, 29 जनवरी (भाषा) केरल के उत्तरी जिले पलक्कड़ में दो दिन पहले हुई मां-बेटे की हत्या मामले में लंबे समय से चली आ रही रंजिश वजह थी। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
इस मामले में पड़ोसी चेंथामारा (58) ने 72 वर्षीय लक्ष्मी और उनके 53 वर्षीय बेटे सुधाकरण की दिनदहाड़े हत्या कर दी थी।
चेंथामारा को मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के मुताबिक, उसे हत्या को लेकर कोई पछतावा नहीं था, बल्कि अपने कृत्य से प्रसन्न ही दिखा। पलक्कड़ के पुलिस अधीक्षक अजीत कुमार ने बताया कि चेंथामारा को भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 103 (हत्या) के तहत गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, आरोपी और पीड़ित परिवार के बीच पुरानी दुश्मनी थी। चेंथामारा को शक था कि पीड़ित परिवार की वजह से ही उसकी पत्नी ने उसे छोड़ दिया था।
पुलिस के अनुसार, हत्या की साजिश पहले से बनाई गई थी और आरोपी ने हत्या के लिए हथियार भी खरीदकर रख लिया था।
गिरफ्तारी से बचने के लिए चेंथामारा जंगल में छिप गया था और 24 घंटे तक वह पुलिस को चकमा देता रहा। पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘वह इलाके को अच्छी तरह जानता था और छिपने की जगहों से वाकिफ था। वह पुलिस के तलाशी अभियान को छिपकर देख रहा था।’
भूख लगने के कारण वह अपने घर की ओर आया, जहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
चेंथामारा इस हत्याकांड को अंजाम देते समय जमानत पर बाहर था। इससे पहले 2019 में उसे सुधाकरण की पत्नी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी और सुधाकरण के बच्चों ने नेम्मारा पुलिस पर आरोप लगाया है कि स्थानीय लोगों और परिजनों की शिकायतों के बावजूद उसने कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि पुलिस को पता था कि चेंथामारा जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर गांव लौट आया था।
भाषा राखी अविनाश
अविनाश
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)