नई दिल्ली। पाकिस्तान की घेराबंदी के लिए भारत ने एक और तैयारी कर ली है। भारतीय सेना के लड़ाकू बेड़े में शामिल राफेल विमान ’17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन’ में शामिल हो गई है। अफसरों के मुताबिक पाक सीमा से सटे अंबाला और चीन सीमा से सटे हाशीमारा में 17 स्क्वाड्रन को तैनात किया जाएगा। फ्रांस निर्मित 36 राफेल विमान की भारतीय सेना से डील हुई है। राफेल इसी महीने से मिलने शुरू हो जाएंगे। बता दें वायुसेना की 17 स्क्वाड्रन ने करगिल युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 3 साल पहले स्क्वाड्रन को वायुसेना ने भंग कर दिया था।
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इस घटना के बाद स्क्वाड्रन के पायलटों ने पाकिस्तान सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया और महत्वपूर्ण ठिकानों पर बम बरसाए, जिसमें विंग कमांडर बीएस धनोआ भी शामिल थे। करगिल युद्ध में अदम्य प्रदर्शन करने पर विंग कमांडर बीएस धनोआ को युद्ध सेवा मेडल, स्क्वाड्रन लीडर ए चौधरी को वायुसेना मेडल, फ्लाइट लेफ्टिनेंट आरएस धालीवाल को वायुसेना मेडल एवं अन्य सम्मान हासिल हुए।
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इस स्क्वाड्रन की स्थापना 1 अक्टूबर 1951 में हुई। 2016 में भंग करने से पहले स्क्वाड्रन मिग-21 विमानों का संचालन कर रही थी, जिन्हें एयरफोर्स के बेड़े से अब धीरे-धीरे बाहर किया जा रहा है। अब राफेल विमानों का संचालन इस स्क्वाड्रन को ही सौंपा जाएगा, जिससे एयरफोर्स में इस स्क्वाड्रन की भूमिका सबसे अहम होगी। राफेल के लिए अम्बाला में अधिक चौड़ा रनवे, हैंगर एवं अन्य प्रबंध किए गए हैं।
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