Vijay Diwas 2024 : आज के ही दिन हुई थी पाकिस्तान की सबसे बड़ी हार.. 93000 पाक सेना ने टेक दिए थे घुटने, जानें विजय दिवस का इतिहास और महत्व

Vijay Diwas 2024 : हर साल विजय दिवस 16 दिसम्बर को 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के कारण मनाया जाता है।

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  • Publish Date - December 16, 2024 / 08:07 AM IST,
    Updated On - December 16, 2024 / 08:07 AM IST

Vijay Diwas 2024 : हर साल विजय दिवस 16 दिसम्बर को 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के कारण मनाया जाता है। इस युद्ध के अंत के बाद 93,000 पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया था। साल 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को करारी परास्त किया, जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान स्वतंत्र हो गया, जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है। यह युद्ध भारत के लिए ऐतिहासिक और हर देशवासी के हृदय में उमंग पैदा करने वाला साबित हुआ।

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Vijay Diwas 2024 : देश भर में 16 दिसम्बर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1971 के युद्ध में करीब 3,900 भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे, जबकि 9,851 घायल हो गए थे। पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी बलों के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने भारत के पूर्वी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद 17 दिसंबर को 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को युद्धबंदी बनाया गया।

आज के ही दिन क्यों मनाते हैं विजय दिवस?

3 दिसंबर को, 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध शुरू हुआ और 13 दिनों तक चला। आधिकारिक तौर पर, युद्ध 16 दिसंबर को समाप्त हुआ और पाकिस्तान ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। तेरह दिनों तक चले युद्ध के परिणामस्वरूप पाकिस्तानी सेना ने पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर दिया और बांग्लादेश का निर्माण हुआ। पाकिस्तान की सेना ने लगभग 93,000 सैनिकों के साथ भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। यह “अब तक की सबसे बड़ी जीत” थी और भारत एक क्षेत्रीय शक्ति के रूप में उभरा।

16 दिसंबर की शाम ही जनरल नियाजी ने आत्मसमर्पण के कागजों पर हस्ताक्षर किए थे। जब नियाजी ने आत्मसमर्पण के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए, तब उन्होंने अपनी रिवाल्वर जनरल अरोड़ा के हवाले कर दी। इस दौरान नियाजी की आंखों में आंसू थे।

युद्ध में भारत की भूमिका

इस युद्ध के बाद भारत ने न केवल बांग्लादेश को सैन्य सहायता प्रदान की, बल्कि लाखों शरणार्थियों को भी शरण दी, जो पाकिस्तान की सेना द्वारा की गई हिंसा से बचकर आए थे। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारत ने निर्णायक भूमिका निभाई थी।

ऐसे में 16 दिसंबर का दिन भारत की सैन्य ताकत और कूटनीतिक नेतृत्व का प्रतीक है। इसे उन वीर सैनिकों और नागरिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने अपनी जान कुर्बान की। इस दिन भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों में परेड और श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किए जाते हैं, और सैनिकों के अदम्य साहस को सलाम किया जाता है।

FAQ Section :

1. विजय दिवस 16 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है?

विजय दिवस 16 दिसंबर को मनाया जाता है क्योंकि 16 दिसंबर 1971 को भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिक युद्ध जीतकर पाकिस्तान की 93,000 सैनिकों को आत्मसमर्पण करवा लिया था। इस युद्ध के बाद बांग्लादेश का निर्माण हुआ।

2. विजय दिवस 2024 में कौन-कौन से कार्यक्रम होंगे?

विजय दिवस 2024 में भारत में विभिन्न सैन्य प्रतिष्ठानों पर परेड और श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किए जाएंगे। इस दिन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी और उनके साहस को सलाम किया जाएगा।

3. 1971 के युद्ध में भारत ने कितने सैनिकों को खो दिया था?

1971 के युद्ध में भारत के लगभग 3,900 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे और 9,851 घायल हुए थे।

4. विजय दिवस 2024 के दौरान किसे सम्मानित किया जाएगा?

विजय दिवस के अवसर पर उन वीर सैनिकों और नागरिकों को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने अपनी जान की कुर्बानी दी थी और देश की रक्षा की थी।

5. विजय दिवस 2024 किसकी याद में मनाया जाता है?

विजय दिवस 1971 के युद्ध में भारत की ऐतिहासिक जीत और बांग्लादेश के निर्माण की याद में मनाया जाता है। यह दिन उन सभी सैनिकों की वीरता को सम्मानित करने के लिए है जिन्होंने इस युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

 

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