S Jaishankar on POK : नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ अब उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को खाली कराने का मुद्दा सुलझाना है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सीमा पार आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं होगी और उसके कृत्यों के निश्चित परिणाम मिलेंगे। विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह (पाकिस्तान का) ‘कर्म’ ही है कि उसकी बुराइयां अब उसके अपने समाज को निगल रही हैं।
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S Jaishankar on POK : जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 79वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि हमने कल इसी मंच (UNGA) से कुछ विचित्र दावे सुने। मैं भारत की स्थिति को बहुत स्पष्ट कर दूं। सीमा पार आतंकवाद की पाकिस्तान की नीति कभी सफल नहीं होगी और उसे दंड से बचने की कोई उम्मीद नहीं करनी चाहिए। जयशंकर ने अपने भाषण में कहा कि हमारे बीच समाधान किया जाने वाला मुद्दा ये है कि पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्र को खाली कराना। उन्होंने कहा, कई देश अपने नियंत्रण से परे परिस्थितियों के कारण पीछे छूट जाते हैं, लेकिन कुछ देश जानबूझकर ऐसे फैसले लेते हैं, जिनके परिणाम विनाशकारी होते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान है।
विदेशमंत्री ने कहा, आज हम देख रहे हैं कि दूसरों पर जो मुसीबतें लाने की कोशिशें उसने (पाकिस्तान ने) की, वे उसके अपने समाज को निगल रही हैं। वह दुनिया को दोष नहीं दे सकता। यह केवल कर्म है। जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान की सीमा-पार आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं होगी और उसे किसी भी प्रकार की माफी नहीं दी जा सकती।
बता दें कि पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को यूएनजीए में अपने भाषण में जम्मू-कश्मीर की स्थिति की तुलना फिलिस्तीन से करते हुए कहा था कि लोगों ने अपनी स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए एक सदी तक संघर्ष किया है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और “कश्मीरी लोगों की इच्छाओं” के अनुसार बातचीत करने का आग्रह किया। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने ये भी दावा किया कि भारत ने आपसी रणनीतिक संयम व्यवस्था के लिए पाकिस्तान के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, उन्होंने भारतीय नेतृत्व पर नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार करने की धमकी देने का आरोप लगाया, जिसे पाकिस्तान “आजाद कश्मीर” कहता है।
शहबाज शरीफ की टिप्पणियों की भारत ने तीखी आलोचना की। भारतीय राजनयिक भाविका मंगलनंदन ने उसी मंच पर पलटवार करते हुए कहा कि “जैसा कि दुनिया जानती है, पाकिस्तान ने लंबे समय से अपने पड़ोसियों के खिलाफ एक हथियार के रूप में सीमा पार आतंकवाद का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि इसने हमारी संसद, हमारी वित्तीय राजधानी मुंबई, बाजारों और तीर्थयात्रा मार्गों पर हमला किया है। यह लिस्ट काफी लंबी है। ऐसे देश के लिए कहीं भी हिंसा के बारे में बोलना सबसे बड़ा पाखंड है।
इस बीच एस जयशंकर ने अपने यूएनजीए भाषण के दौरान गाजा युद्ध और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे ज्वलंत मुद्दों पर भी बात की। जयशंकर ने 79वें यूएनजीए थीम ‘लीविंग नो-वन विहाइंड’ का समर्थन करते हुए कहा कि हम यहां एक कठिन समय में एकत्र हुए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र को दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए कदम उठाना चाहिए, उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह विदेशी प्रभावों की प्रतिस्पर्धा है, बल्कि इसलिए कि अगर हम इसी तरह चलते रहे, तो दुनिया की स्थिति और खराब हो जाएगी।