नई दिल्ली: एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को कहा कि वे केंद्र के ऑर्डिनेंस के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन नहीं करेंगे। दरअसल, दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल सभी विपक्षी दलों का समर्थन मांग रहे हैं। (Owaisi targeted Kejriwal on hindutva) इसी सिलसिले में ओवैसी ने उनका साथ देने से साफ़ इनकार कर दिया है।
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उन्होंने कहा कि कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के फैसले पर केजरीवाल ने भाजपा का समर्थन क्यों किया था? अब वे क्यों रो रहे हैं? मैं केजरीवाल का समर्थन नहीं करूंगा, क्योंकि वे सॉफ्ट हिंदुत्व नहीं, बल्कि कट्टर हिंदुत्व को मानते हैं। ओवैसी ने कहा कि जब 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 हटाया गया था तो अरविंद केजरीवाल ने भाजपा शासित केंद्र सरकार को अपना समर्थन दिया था। तब उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि मैं उम्मीद करता हूं कि यह फैसला राज्य में शांति और विकास को बढ़ावा देगा।
ओवैसी ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नई संसद के उद्घाटन के लिए पीएम सिर्फ एक धर्म के लोगों को संसद लेकर गए। (Owaisi targeted Kejriwal on hindutva) उन्हें सभी धर्मों के लोगों को लेकर जाना चाहिए था क्योंकि वे 130 करोड़ भारतीयों के प्रधानमंत्री हैं, सिर्फ हिंदुओं के नहीं।
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दरअसल तमिलनाडु के कई मठों से अधीनम संतों को नई संसद के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का न्योता मिला था। इन संतों ने पीएम मोदी को सेंगोल सौंपा, जिसे पीएम ने स्पीकर की कुर्सी के बगल में स्थापित किया। ओवैसी ने कहा कि वे इस समारोह में शामिल हुए होते, अगर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने संसद की नई इमारत का इनॉगरेशन किया होता।
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