नई दिल्लीः Waqf Board Amendment Bill मोदी सरकार ने लोकसभा में आज वक्फ बिल पेश कर दिया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को पेश किया। इसके बाद वहां हंगामा शुरू हो गया। कई विपक्षी सासंदों ने इस पर आपत्ति जताई। इस बिल को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने सदन में तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आप मुसलमानों के दुश्मन हैं। यह बिल इस बात का सबूत देता है। ओवैसी ने कहा कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है, जो सभी नागरिकों को अपना आस्था के लिए समान अवसर देता है। आखिर इस विधेयक को लाने की जरूरत ही क्या है। उन्होंने कहा कि मंदिरों की समितियों में कोई गैर-हिंदू नहीं है। फिर वक्फ संपत्ति में इसकी क्या जरूरत है। ऐसा ही आपकी सरकार ईसाइयों और सिखों के साथ भी कर रही है।
यही नहीं यूपी की सहारनपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी इस पर तीखा अटैक किया। उन्होंने कहा कि यह बिल कानून का उल्लंघन करता है। संविधान के खिलाफ है। इमरान मसूद ने कहा कि सरकार की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि वक्फ बोर्ड संस्था है और यह कोई धार्मिक स्थान नहीं है। यह बात गलत है क्योंकि देश भर में वक्फ बोर्ड ही मस्जिदों, दरगाहों और अन्य मुस्लिम संस्थानों की निगरानी करता है। उनकी संपत्तियों की देखरेख करता है। इसलिए इसे मुस्लिमों के मजहबी मामलों से अलग नहीं बताया जा सकता, जैसा सरकार दावा करती है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा-
”यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।
यह विधेयक भेदभावपूर्ण और मनमाना दोनों है… इस विधेयक को लाकर आप (केंद्र सरकार) देश को जोड़ने का नहीं बल्कि बांटने का काम कर… pic.twitter.com/kSsZADsXBa — IBC24 News (@IBC24News) August 8, 2024
इस बहस में अखिलेश यादव ने भी हिस्सा लिया और कहा कि वक्फ बोर्ड में किसी गैर-मुसलमान को शामिल करने की वजह क्या बनती है। उन्होंने कहा कि यदि हम जिलाधिकारी को ही सब कुछ सौंप देंगे तो क्या हो सकता है। आप इसे समझ सकते हैं। एक जगह ऐसा हुआ था और फिर जिलाधिकारी ने क्या किया, आप सब जानते हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि यह विधेयक इसलिए लाया जा रहा है क्योंकि अभी-अभी ये लोग हारे हैं। अपने कुछ कट्टर समर्थकों के तुष्टिकरण के लिए ऐसा बिल लाया जा रहा है। इस बिल का डीएमके, टीएमसी, शरद पवार की एनसीपी जैसी पार्टियों ने भी विरोध किया है।