एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता के तहत 5.56 लाख से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गयीं

एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता के तहत 5.56 लाख से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गयीं

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  • Publish Date - September 18, 2024 / 06:41 PM IST,
    Updated On - September 18, 2024 / 06:41 PM IST

नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के एक जुलाई को प्रभाव में आने के बाद से देशभर में 5.56 लाख से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

नये आपराधिक कानूनों के सुचारु कार्यान्वयन के लिए गृह मंत्रालय ने कई मोबाइल एप्लिकेशन भी विकसित किये हैं जिनमें वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी के जरिए सबूतों को जुटाने, उन्हें संग्रहित करने और उन्हें पुन: हासिल करने के लिए ई-साक्ष्य भी शामिल हैं।

इस ऐप को 22 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने अपनाया है। चौबीस राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने उसे परखा है।

भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने क्रमश: औपनिवेशिक कालीन 1872 की भारतीय दंड संहिता, अपराध दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है।

अधिकारी ने कहा कि एक जुलाई से तीन सितंबर तक बीएनएस के तहत देश में कुल 5.56 लाख प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं। वह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में गृहमंत्रालय की उपलब्धियों की चर्चा कर रहे थे।

इन नये आपराधिक कानूनों को शामिल करने के लिए अंतर-संचालनीय आपराधिक न्याय प्रणाली (आईसीजेएस) के सिलसिले में जरूरी सॉफ्टवेयर बनाये गये और लागू किए गए ।

नए आपराधिक कानूनों के अनुसार सीसीटीएनएस (अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम) में प्रमुख बदलावों में ई-कारावास, ई-फोरेंसिक, ई-अभियोजन, ऑडियो-वीडियो इलेक्ट्रॉनिक साधनों और इलेक्ट्रॉनिक संचार का उपयोग शामिल है।

भाषा

राजकुमार माधव

माधव