अमरनाथ यात्रा के लिए 4,600 से अधिक तीर्थयात्रियों का पहला जत्था कश्मीर पहुंचा

अमरनाथ यात्रा के लिए 4,600 से अधिक तीर्थयात्रियों का पहला जत्था कश्मीर पहुंचा

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  • Publish Date - June 28, 2024 / 04:23 PM IST,
    Updated On - June 28, 2024 / 04:23 PM IST

जम्मू, 28 जून (भाषा) अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का पहला जत्था शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कश्मीर घाटी पहुंचा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि श्रीनगर पहुंचने पर पुलिस और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों तथा स्थानीय लोगों ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के काजीगुंड इलाके में नवयुग सुरंग पर 4,603 तीर्थयात्रियों का स्वागत किया।

शनिवार को अनंतनाग में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल में 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से यह 52 दिवसीय तीर्थयात्रा शुरू होगी और 19 अगस्त को संपन्न होगी।

‘बम बम भोले’ और ‘हर हर महादेव’ के जयकारों के बीच जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा के लिए भगवती नगर स्थित यात्री निवास आधार शिविर से 4,603 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षित यात्रा की कामना की। उन्होंने कहा, ‘बाबा अमरनाथ जी का आशीर्वाद सभी के जीवन में शांति, खुशी और समृद्धि लाए।’

अधिकारी ने बताया कि तीर्थयात्री 231 वाहनों के काफिले में श्रीनगर पहुंचे।

कुलगाम के उपायुक्त (डीसी) अतहर आमिर खान ने संवाददाताओं को बताया कि बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों से यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों का उनके आगमन पर प्रशासन, नागरिक समाज के सदस्यों, व्यापार जगत, फल उत्पादकों और बाजार संघों द्वारा स्वागत किया गया।

खान ने कहा, ‘हम सभी तीर्थयात्रियों का स्वागत करते हैं। सभी के लिए उचित व्यवस्था की गई है।’

अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्रियों का काफिला बालटाल और पहलगाम स्थित आधार शिविरों के लिए अलग-अलग रवाना हुआ, जहां से वे शनिवार सुबह दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव के अमरनाथ गुफा मंदिर तक की कठिन यात्रा करेंगे।

अधिकारी ने कहा, ’28 जून से 19 अगस्त तक विभिन्न मार्गों पर यातायात प्रतिबंध लगाए जाएंगे तथा लोगों की असुविधा को कम करने के लिए नियमित रूप से परामर्श जारी किया जाएगा।’

खबरों के अनुसार, इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए तीन लाख पचास हजार से ज्यादा लोगों ने पंजीकरण कराया है। गुफा मंदिर के दोनों मार्गों पर 125 सामुदायिक लंगर स्थापित किए गए हैं और 6,000 से ज़्यादा स्वयंसेवक श्रद्धालुओं की सहायता कर रहे हैं।

भाषा स्वाती नरेश

नरेश