नयी दिल्ली, 10 दिसंबर (भाषा) सरकार ने मंगलवार को संसद में कहा कि बैंकों ने 31 अक्टूबर तक पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत दो लाख से अधिक खाते खोले और इनमें 1,751 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए।
राज्यसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि सरकार ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में कर्जदारों के सामने आने वाली चुनौतियों को दूर करने और आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण के आसान प्रवाह की सुविधा के लिए कई उपाय किए हैं।
चौधरी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 1,751.20 करोड़ रुपये की स्वीकृत ऋण राशि के साथ 2.02 लाख से अधिक खाते खोले गए हैं।
सरकार ने 17 सितंबर, 2023 को अपने हाथों और उपकरणों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करने के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को शुरू से अंत तक सहायता प्रदान करना है।
लोहार, सुनार, कुम्हार, बढ़ई, मूर्तिकार आदि जैसे व्यवसायों में लगे हुए पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को ‘विश्वकर्मा’ कहा जाता है।
वित्त वर्ष 2023-2024 से वित्त वर्ष 2027-28 तक योजना के लिए वित्तीय परिव्यय 13,000 करोड़ रुपये है।
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ब्रजेन्द्र माधव
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