पिछले पांच वर्ष में सीपीजीआरएएमएस पर 1.12 करोड़ से अधिक लोक शिकायतों का निवारण: जितेंद्र सिंह

पिछले पांच वर्ष में सीपीजीआरएएमएस पर 1.12 करोड़ से अधिक लोक शिकायतों का निवारण: जितेंद्र सिंह

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  • Publish Date - December 19, 2024 / 05:08 PM IST,
    Updated On - December 19, 2024 / 05:08 PM IST

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को बताया कि पिछले पांच वर्ष में केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पर 1.12 करोड़ से अधिक लोक शिकायतों का निवारण किया गया है।

सीपीजीआरएएमएस के जरिए लोग अपनी शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज कराते हैं।

राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में सिंह ने कहा कि जनवरी से अक्टूबर, 2024 तक सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर 23,24,323 शिकायतों का निवारण किया गया है। उन्होंने कहा कि कि 31 अक्टूबर, 2024 तक 54,339 सार्वजनिक शिकायते लंबित हैं जो कि अब तक के अपने निम्नतम स्तर पर है।

सिंह ने कहा, ‘‘वर्ष 2020- 2024 (31 अक्टूबर तक) से पिछले पांच वर्षों में केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पर कुल 1,12,30,957 शिकायतों का निवारण किया गया और जनवरी-अक्टूबर, 2024 से सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर वार्षिक रूप से 23,24,323 शिकायतों का निवारण किया गया है।’’

कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि सरकार ने शिकायत निवारण को समय पर, प्रभावी और नागरिकों के लिए सुलभ बनाने के लिए सीपीजीआरएएमएस के 10-चरणीय सुधारों को अपनाया है।

सिंह ने कहा कि सरकार ने सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर एक लाख से अधिक शिकायत अधिकारियों की मैपिंग की है, जिससे केंद्रीय मंत्रालयों के लिए 31 अक्टूबर, 2024 तक लंबित मामलों की संख्या को 54,339 लोक शिकायतों के न्यूनतम स्तर पर लाने में मदद मिली है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने 23 अगस्त, 2024 को जन शिकायतों के प्रभावी निवारण के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी किए।

उनके मुताबिक इन दिशा-निर्देशों में मंत्रालयों और विभागों में समर्पित शिकायत प्रकोष्ठों का सृजन, अनुभवी और सक्षम नोडल अधिकारियों की नियुक्ति, शिकायतों के मूल कारण विश्लेषण और फीडबैक पर कार्रवाई पर जोर, अपीलीय प्राधिकारियों की नियुक्ति द्वारा वृद्धि प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करना, समाधान समय की ऊपरी सीमा को 30 दिन से घटाकर 21 दिन करने के साथ शिकायत बंद करने के दिशा-निर्देश शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इन प्रयासों ने निवारण की औसत समयसीमा को 2019 में 28 दिनों से घटाकर 2024 में 13 दिन करने में मदद की है।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र मनीषा माधव

माधव