नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा इस साल विवादों से घिरी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी के केंद्रवार घोषित परिणामों के अनुसार 11,000 से अधिक अभ्यर्थियों को शून्य या नकारात्मक अंक मिले हैं।
इस महत्वपूर्ण परीक्षा में किसी भी उम्मीदवार द्वारा प्राप्त न्यूनतम अंक बिहार के एक केंद्र पर ‘माइनस 180’ हैं।
एनटीए द्वारा शनिवार को जारी शहर और केंद्रवार परिणामों के विश्लेषण के अनुसार, 2,250 से अधिक अभ्यर्थियों को शून्य अंक मिले हैं, जबकि 9,400 से अधिक अभ्यर्थियों को नकारात्मक अंक मिले हैं।
झारखंड के हजारीबाग में जांच के दायरे में आए केंद्र पर कई अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने शून्य से भी कम अंक प्राप्त किए हैं।
कुछ केंद्रों पर कई अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने शून्य अंक प्राप्त किए हैं, लेकिन कोई बड़ा समूह नहीं देखा गया है, क्योंकि प्रत्येक केंद्र पर ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या बहुत अधिक नहीं है।
अधिकारियों के अनुसार, परीक्षा में शून्य अंक का मतलब यह नहीं है कि उत्तर पुस्तिकाएं खाली थीं या कोई प्रश्न हल नहीं किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘यह संभव है कि अभ्यर्थी ने कुछ प्रश्नों को सही और कुछ को गलत हल किया हो, जिसके कारण अंक नकारात्मक हुए।’’
राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) में प्रत्येक सही उत्तर के लिए चार अंक दिए जाते हैं और प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक अंक काटा जाता है। जिन प्रश्नों को हल नहीं किया गया, उनके लिए कोई अंक नहीं दिए जाते या काटे नहीं जाते।
एनटीए ने शनिवार को मेडिकल प्रवेश परीक्षा के शहर और केंद्रवार परिणाम जारी किए। नीट परीक्षा पेपर लीक सहित कथित अनियमितताओं को लेकर जांच के दायरे में है।
आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं से कथित रूप से लाभान्वित होने वाले अभ्यर्थियों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है, लेकिन कुछ केंद्रों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों की संख्या अधिक है।
सीकर के केंद्रों से 2,000 से अधिक नीट-यूजी अभ्यर्थियों ने 650 से अधिक अंक प्राप्त किए, जबकि 4,000 से अधिक ने 600 से अधिक अंक प्राप्त किए।
उच्चतम न्यायालय पांच मई को विदेश के 14 शहरों समेत 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित परीक्षा में कथित अनियमितताओं के बारे में कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।
भाषा आशीष नरेश
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