मद्रास हाईकोर्ट के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश को सामंती संस्कृति ध्वस्त नहीं कर पाने का खेद

मद्रास हाईकोर्ट के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश को सामंती संस्कृति ध्वस्त नहीं कर पाने का खेद

मद्रास हाईकोर्ट के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश को सामंती संस्कृति ध्वस्त नहीं कर पाने का खेद
Modified Date: November 29, 2022 / 08:04 pm IST
Published Date: November 17, 2021 8:18 pm IST

चेन्नई, 17 नवंबर (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव बनर्जी बुधवार को सड़क मार्ग से कोलकाता रवाना हो गये। उन्होंने विदाई नहीं ली और कहा कि उनका कोई भी कदम ‘व्यक्तिगत’ नहीं था, बल्कि संस्था के हित में उठाया गया कदम था। न्यायमूर्ति बनर्जी के मेघालय स्थानांतरण ने विवाद को जन्म दिया है।

अपने सहयोगी न्यायाधीशों, बार के सदस्यों, रजिस्ट्री और कर्मचारियों को लिखे पत्र मे उन्होंने उस दयालुता और गर्मजोशी की सराहना की, जिसके साथ यहां उनके 11 महीने के कार्यकाल के दौरान उनका और उनकी पत्नी का स्वागत किया गया।

उन्होंने, विशेष रूप से ‘सभी कर्मचारियों’ के सहयोग की सराहना करते हुए कहा, ‘‘मुझे खेद है कि मैं उस सामंती संस्कृति को पूरी तरह से ध्वस्त नहीं कर सका जिसमें आप अपनी सेवाएं देते हैं।’

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पुलिस सूत्रों ने बताया कि न्यायमूर्ति बनर्जी और उनकी पत्नी मेघालय की अपनी आगे की यात्रा के लिए कोलकाता के लिए रवाना हुए, जहां वह उच्च न्यायालय में सेवा देंगे। राज्य पुलिस उनके साथ सीमावर्ती जिले वेल्लोर तक गई।

अपने दो पेज के पत्र में उन्होंने बेंच के अपने सहयोगियों से लंबे समय तक साथ नहीं चल पाने और व्यक्तिगत रूप से उन्हें अलविदा नहीं कहने के लिए क्षमा याचना की। उन्होंने कहा‘‘आखिरकार, जो मेरे किसी भी कार्य से आहत हुए होंगे, कृपया वे जान लें कि मेरा कदम कभी भी ‘व्यक्तिगत’ नहीं था। मैंने जो कुछ किया संस्था के लिए जरूरी समझकर किया।’’

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने पहले न्यायमूर्ति बनर्जी का मेघालय तबादला करन का प्रस्ताव किया था। उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं के एक वर्ग ने प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर इस फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था लेकिन इसी बीच दूसरे पक्ष ने उनके कार्य को न्यायपालिका की छवि बिगाड़ने वाला करार देते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

भाषा

सुरेश अनूप

अनूप


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