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नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहेब डॉ भीम राव आंबेडकर के संदर्भ में की गयी एक टिप्पणी को लेकर बुधवार को कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के जोरदार हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजकर आठ मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे जैसे ही शुरू हुई, कांग्रेस एवं कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने आंबेडकर के बारे में शाह की कथित टिप्पणी को लेकर हंगामा शुरू कर दिया और उनसे (गृहमंत्री से) माफी की मांग करने लगे।
शोर-शराबे के बीच ही पीठासीन अधिकारी पी. सी. मोहन ने जरूरी दस्तावेज सदन पटल पर रखवाए। उसके बाद उन्होंने विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बजकर आठ मिनट पर बृहस्पतिवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले आज पूर्वाह्न 11 बजे भी विपक्षी सांसदों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के दो मिनट के भीतर ही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे थे। उन्होंने ‘जय भीम’ के नारे भी लगाए।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया और उन्हें चुनाव में भी हराया।
उन्होंने कहा, ‘‘इन लोगों ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया। हमने हमेशा उनका सम्मान किया।’’
मेघवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाबासाहेब से संबंधित कार्यों के कारण ये लोग बाबासाहेब का नाम मजबूरी में ले रहे हैं।
सदन में हंगामा जारी रहने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पूर्वाह्न 11 बजकर दो मिनट पर ही बैठक अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कांग्रेस और विपक्षी दलों का आरोप है कि शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया।
मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश जारी किया जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं कि , ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर…। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’
भाषा
सुरेश मनीषा
मनीषा