विपक्षी दल मुझे व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं: मुख्यमंत्री सिद्धरमैया

विपक्षी दल मुझे व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं: मुख्यमंत्री सिद्धरमैया

विपक्षी दल मुझे व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं: मुख्यमंत्री सिद्धरमैया
Modified Date: July 25, 2024 / 07:28 pm IST
Published Date: July 25, 2024 7:28 pm IST

बेंगलुरु, 25 जुलाई (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बृहस्पतिवार को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में कथित घोटाले को ‘कोई मुद्दा नहीं’ करार देते हुए विपक्षी दलों -भाजपा और जद (एस)- पर उन्हें व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाने एवं उनकी छवि बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

सिद्धरमैया ने विधानपरिषद में विपक्षी सदस्यों पर निशान साधते हुए कहा, ‘‘ आप जानबूझकर बिना किसी मुद्दे के मुद्दा बना रहे हैं और आप व्यक्तिगत रूप से मुझे निशाना बना रहे हैं।’’

विपक्षी सदस्यों ने जमीन गंवाने वालों को एमयूडीए द्वारा कथित रूप से फर्जी तरीके से किये गये भूआवंटन पर चर्चा की मांग की थी। भूआवंटन के लाभार्थियों में सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती भी हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ कोई गैरकानूनी काम नहीं हुआ है। सबकुछ कानून के हिसाब से हुआ है। व्यक्तिगत रूप से मुझे निशाना बनाने के लिए मैं आपकी कड़ी निंदा करता हूं। आपका इरादा मेरी छवि बिगाड़ना है।’’

आरोप है कि मैसुरू के एक पॉश इलाके में मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती को वैकल्पिक भूखंड आवंटित किये गये हैं जिनकी कीमत एमयूडीए द्वारा ‘अधिग्रहित’ की गयी उनकी जमीन के मूल्य की तुलना में अधिक है।

भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि सिद्धरमैया के कई समर्थक कथित रूप से ‘इस तरह तरह लाभान्वित हुए।’’

एमयूडीए ने पार्वती की 3.16 एकड़ जमीन के बदले में उन्हें 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किये है। प्राधिकरण ने पार्वती की जमीन पर आवासीय ‘लेआउट’ विकसित की थी।

विवादास्पद योजना में लेआउट बनाने के लिए अधिग्रहित अविकसित भूमि के बदले में भूमि देने वाले को 50 प्रतिशत विकसित भूमि आवंटित करने की परिकल्पना की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैकल्पिक भूखंड 2021 में आवंटित किये गय थे जब भाजपा सत्ता में थी।

उन्होंने कहा, ‘‘ आपकी गलती के चलते एमयूडीए ने मुझे भूखंड दिया। इस विषय पर चर्चा की कोई गुजाइंश नहीं है।’’

इस पर भाजपा और जदएस के सदस्य आसन के समीप पहुंच गये और उन्होंने नारे लगाये।

सिद्धरमैया ने कहा कि एमयूडीए ने उनकी पत्नी की जमीन अवैध रूप से ले ली और उनकी अनुमति के बिना उसका नक्शा बनाकर लोगों को बेच दिया।

भाषा

राजकुमार प्रशांत

प्रशांत


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