नई दिल्ली: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र कल से शुरू होने वाला है मगर उसके पहले प्रोटेम स्पीकर के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच घमासान काफी तेज हो गया है। केंद्र सरकार की ओर से गत 20 जून को कटक से भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया था। (Opposition opposed Protem Speaker Bhartruhari Mahtab) इसे लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने गहरी आपत्ति जताई थी। कांग्रेस का कहना था कि पार्टी के आठ बार के सांसद कोडिकुन्निल सुरेश की जगह सात बार के सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करके संसदीय परंपराओं का उल्लंघन किया गया है।
सांसदों को शपथ दिलाने और अन्य संसदीय कार्यों में मदद के लिए कांग्रेस, डीएमके और टीएमसी के वरिष्ठ सांसदों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी मगर इन तीनों दलों के वरिष्ठ सांसदों ने प्रोटेम स्पीकर को मदद देने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। इन सांसदों का कहना है कि महताब की सहायता के लिए दी गई भूमिका को इंडिया ब्लॉक खारिज करता है।
प्रोटेम स्पीकर को मदद देने के मुद्दे पर कांग्रेस डीएमके और टीएमसी के बीच चर्चा हुई थी और इस चर्चा के बाद तीनों दलों की ओर से महताब को मदद देने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया है। (Opposition opposed Protem Speaker Bhartruhari Mahtab) कांग्रेस सांसद के सुरेश, तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय और डीएमके के टीआर बालू को प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब की मदद करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी मगर तीनों वरिष्ठ सांसद अब महताब को किसी भी प्रकार की मदद नहीं देंगे।