विपक्षी नेताओं ने ‘संसदीय परंपराओं की अनुपालना नहीं होने’ पर चिंता जताई

विपक्षी नेताओं ने 'संसदीय परंपराओं की अनुपालना नहीं होने' पर चिंता जताई

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  • Publish Date - January 30, 2025 / 10:13 PM IST,
    Updated On - January 30, 2025 / 10:13 PM IST

नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) विपक्ष के कई नेताओं ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र ने राष्ट्रपति के अभिभाषण से संबंधित धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए आवंटित दिनों पर एक अंतरिम समय सारिणी जारी करके संसदीय परंपराओं का उल्लंघन किया है।

उन्होंने तर्क दिया कि ऐसे निर्णय कार्य मंत्रणा समिति (बीएससी) द्वारा लिए जाते हैं, जिसमें पार्टियों के नेता शामिल होते हैं।

नेताओं ने महाकुंभ में भगदड़ के कारण कम से कम 30 लोगों की मौत होने और संघवाद जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की मांग की।

उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष शासित राज्यों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।

बजट सत्र से पहले एक सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के दौरान दोनों सदन के विपक्षी दलों के नेताओं ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति की कार्यवाही को विफल करने का भी आरोप लगाया।

इस समिति की रिपोर्ट बृहस्पतिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी गई।

विपक्ष के एक नेता के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी), द्रमुक और वाम दलों ने ‘संसदीय परंपराओं का पालन नहीं किए जाने’ पर चिंता जताई और कहा कि सत्ता पक्ष के सदस्यों ने पिछले सत्र के दौरान संसद की कार्यवाही को बाधित किया था।

सांसदों ने हाल के संसदीय बुलेटिन पर सवाल उठाया, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा द्वारा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए जाने वाले धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए दिनों के अंतरिम आवंटन की घोषणा की गई थी।

उन्होंने सवाल किया कि बीएसी की बैठक आयोजित किए बिना समय का आवंटन कैसे कर दिया गया?

सांसदों ने वक्फ विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति की कार्यवाही का भी उल्लेख किया, जिसे विपक्षी सदस्यों के विरोध के बीच समिति द्वारा बहुमत से स्वीकार किया गया।

विपक्ष के एक नेता ने कहा, ‘कई विपक्षी नेताओं ने संसदीय परिपाटी की शुचिता बनाए नहीं रखने पर चिंता व्यक्त की है। वक्फ विधेयक पर जेपीसी की कार्यवाही इसका एक उदाहरण है।’

भाषा हक माधव पवनेश

पवनेश