नई दिल्ली : Etah GRP Police Station : हमारे देश में कानून व्यवस्था बहुत सख्त है, लेकिन फिर भी कई ऐसे थाने हैं जहां लगातार एफआईआर दर्ज होती है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे थाने के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां 21 साल में सिर्फ दो एफआईआर दर्ज हुई और इनमे से भी एक मामले की जांच शिफ्ट कर दी गई। इसमें आश्चर्य वाली बात ये है कि इस थाने की हवालात में आज तक कोई बंद नहीं हुआ। थाने पर थाना प्रभारी के अलावा कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल मिलाकर 23 पुलिसकर्मी तैनात हैं लेकिन थाने की जीडी में भी सिर्फ आमद और रवानगी ही दर्ज की जाती है।
Etah GRP Police Station : हम जिस थाने की बात कर रहे हैं वो एटा का जीआरपी थाना है। यह थाना 21 साल पहले एक अगस्त 2001 को स्थापित हुआ था। तब इसका उद्घाटन आईपीएस अखिल कुमार ने किया था। पहले यह केवल रिपोर्टिंग चौकी थी। बाद में थाना बन गया लेकिन थाने के पास अपना भवन भी नहीं है। रेलवे क्वार्टर में ही इसे चलाया जाता है। उसे भी अब आवास में तब्दील कर दिया गया है। एक कमरे में आमद-रवानगी का काम होता है। हवालात अब रिकॉर्ड रूम है। थाना बनने के बाद से यहां सिर्फ दो ही मुकदमे दर्ज हुए हैं। थाने पर तैनात पुलिसकर्मियों में से दो कांस्टेबल टूंडला से एटा तक आने वाली ट्रेन की सुरक्षा में तैनात हैं। थाना में बने हवालात में आज तक कोई बंद नहीं हुआ। थाने की जीडी में भी सिर्फ आमद और रवानगी ही दर्ज की जाती है।
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Etah GRP Police Station : थाना जीआरपी पर 22 अप्रैल 2016 में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। शहर के व्यापारी संजीव कुमार जैन की ट्रेन में हत्याकर शव पटरी के किनारे फेंक दिया गया। संजीव के परिजनों के मुताबिक इस मुकदमे में एफआर लग गई। इस घटना का खुलासा नहीं हो सका। वहीं 19 जून 2019 को दूसरा मुकदमा रेलवे फाटक कुसवा पर तैनात गेटमैन की ओर से मारपीट का दर्ज कराया गया था। इसमें कुसवा निवासी सुखवीर, अनिल, वीरेश, शीलेद्र, रामजीत, कन्हैई, मुन्नालाल को मारपीट करने में नामजद किया गया था।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
Etah GRP Police Station : रेलवे स्टेशन पर एक यात्री ट्रेन सुबह 7 बजे आती है और 7.30 बजे आगरा चली जाती है। जबकि दूसरी ट्रेन रात 8 बजे आती है और 8.30 बजे टू़ंडला चली जाती है। इस ट्रेन के आते-जाते समय जीआरपी के कांस्टेबल साथ में रहते हैं। हां, यहाँ महीने में करीब 16 से 18 मालगाड़ियां आती हैं। इनकी सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान देना पड़ता है। इनसे आए सामान की विशेष सुरक्षा की जाती है। इसके अलावा अधिकांश कर्मचारियों की ड्यूटी समय-समय पर जरूरत देखते हुए जनपद से बाहर लगा दी जाती है।
थाना प्रभारी चमन गुप्ता दो ही मुकदमे दर्ज होने की बात स्वीकार करते हुुए कहते हैं- ‘हां, यहां अब तक दो ही मुकदमे हुए हैं। हम रूटीन ड्यूटी में मुस्तैद रहते हैं। इसके अलावा जब जरूरत होती है, हमारे जवान दूसरे जिलों में भी सेवाएं देते हैं।