‘एक बाजार’ बनाने का कॉर्पोरेट एजेंडा का हिस्सा है ‘एक देश एक चुनाव’ का विचार : एसकेएम

'एक बाजार' बनाने का कॉर्पोरेट एजेंडा का हिस्सा है 'एक देश एक चुनाव' का विचार : एसकेएम

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  • Publish Date - December 17, 2024 / 10:39 PM IST,
    Updated On - December 17, 2024 / 10:39 PM IST

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने ‘एक देश एक चुनाव’ के विचार को राज्य सरकारों के संघीय अधिकारों को खत्म करके ‘एक बाजार’ बनाने का ‘कॉर्पोरेट एजेंडा’ करार दिया है।

एसकेएम ने किसानों और श्रमिकों से ‘एक देश एक चुनाव’ विधेयक के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। एसकेएम ने ही कृषि पर तीन केंद्रीय कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर 2020-21 के किसानों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।

एसकेएम ने मंगलवार को जारी एक बयान में यह भी आरोप लगाया कि वस्तु एवं सेवा कर, डिजिटल कृषि मिशन, राष्ट्रीय सहयोग नीति और कृषि बाजार पर नीति ढांचा कॉर्पोरेट ताकतों के तहत उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन को केंद्रीकृत करने की एक बड़ी योजना का हिस्सा हैं।

एसकेएम ने बयान में कहा, ‘‘ एसकेएम राजग सरकार द्वारा लोकसभा में एक देश एक चुनाव विधेयक पेश करने का कड़ा विरोध करता है और आरोप लगाता है कि यह राज्य सरकारों की स्वायत्तता और संघीय अधिकारों को खत्म करके कामकाजी लोगों के कॉर्पोरेट शोषण को सुविधाजनक बनाने के लिए ‘एक देश एक बाजार’ बनाने के कॉर्पोरेट एजेंडे का हिस्सा है। यह विधेयक संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली और देश के संघीय ढांचे को कमजोर करने वाला है।’’

सरकार ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक को विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच मंगलवार को निचले सदन में पेश किया और कहा कि इस पर व्यापक विचार-विमर्श के लिए इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा जाएगा।

भाषा रविकांत दिलीप

दिलीप