‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा भारत की मूल भावना के खिलाफ: तारिगामी |

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा भारत की मूल भावना के खिलाफ: तारिगामी

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा भारत की मूल भावना के खिलाफ: तारिगामी

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Modified Date: December 14, 2024 / 05:56 PM IST
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Published Date: December 14, 2024 5:56 pm IST

जम्मू, 14 दिसंबर (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता एम वाई तारिगामी ने शनिवार को केंद्र के ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लागू करने के कदम का विरोध करते हुए कहा कि यह अवधारणा भारत की मूल भावना के खिलाफ है और देश के संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाएगी।

उन्होंने सभी से इस ‘जनविरोधी’ निर्णय के खिलाफ अपनी राजनीतिक संबद्धता से ऊपर उठने की अपील की।

यहां संवाददाताओं से बात करते हुए तारिगामी ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने में हो रही देरी पर भी नाराजगी जताई और भाजपा नीत केंद्र से केंद्र शासित प्रदेश में दोहरी सत्ता प्रणाली को समाप्त कर क्षेत्र के लोगों के फैसले का सम्मान करने का आग्रह किया।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता ने कहा, ‘‘हमारी राय में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा भारत और उसके संघीय ढांचे की भावना के खिलाफ है जो देश की विशाल विविधताओं को संरक्षण दे रही है।’’

उन्होंने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा देश के लिए अच्छी नहीं है।

भाषा

शुभम संतोष

संतोष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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