नई दिल्ली: एक देश एक चुनाव की दिशा में आगे बढ़ रही मोदी सरकार को कांग्रेस ने झटका दिया है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने वन नेशन वन इलेक्शन कमेटी साफ़ इंकार कर दिया है। (One Nation One Election Committee All Members Name) उन्होंने साफ़ किया है कि इस इंकार से उन्हें कोई भी समस्या नहीं है। इससे पहले भी उन्होंने भाजपा की इस योजना पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए देश में एकसाथ चुनाव कराये जाने पर अपनी असहमति जाहिर की थी।
दरअसल भाजपा ने कल ही इस कमेटी के संबंध में अधिसूचना जारी की थी। इस कमिटी का प्रमुख पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया था जबकि सदस्य के तौर पर मौजूदा मंत्री, पूर्व मंत्री और देश के दिग्गज वकोल को शामिल किया गया था। अधीर रंजन चौधरी भी इसके सदस्य नामित हुए थे लेकिन आज उन्होंने इंकार कर दिया।
कल यानी शनिवार को केंद्र की मोदी सरकार ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ को लेकर कमेटी गठित की थी। इस 8 सदस्यीय कमेटी की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे। जबकि कमेटी के सदस्य के रूप में अमित शाह, अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आज़ाद, एनके सिंह, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी को नियुक्त किया गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कमेटी का नाम उच्च स्तरीय समिति और अंग्रेज़ी में एचएलसी कहा जाएगा। विधियों न्याय विभाग के सचिव नितेन चंद्र इसका हिस्सा होंगे. नितेन चंद्र एचएलसी के सचिव भी होंगे। इसके अलावा कमेटी की बैठक में केंद्रीय न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मौजूद रहेंगे।
गौरतलब है कि केंद्र की भाजपा सरकार देशभर में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराये जाने की प्रबल पक्षधर है। इसके पीछे सरकार का तर्क है देश में अगर लोकसभा चुनाव और सभी राज्यों में विधानसभा चुनाव एक साथ होते हैं तो इससे खर्चा कम होगा। चुनाव की वजह से प्रशासनिक अधिकारी भी व्यस्त रहते हैं, उन्हें भी इस काम से निजात मिलेगी और अन्य काम पर फोकस कर सकेंगे। आंकड़े के मुताबिक, जब देश में पहली बार चुनाव हुए थे, उस वक्त तकरीबन 11 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। 17वीं लोकसभा में 60 हजार करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च हुए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब लोकसभा चुनाव में इतने पैसे खर्च हुए तो विधानसभा चुनावों में कितने पैसे खर्च होते होंगे।
Congress MP Adhir Ranjan Chowdhury declined the invitation to be part of the 8-member committee constituted by the Centre to examine ‘One nation, One election’.
"I have no hesitation whatsoever in declining to serve on the Committee whose terms of reference have been prepared in… pic.twitter.com/2w523Djag2
— ANI (@ANI) September 2, 2023
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