भाजपा की ‘एक राष्ट एक चुनाव’ के पीछे की मंशा ‘ एक राष्ट्र कोई चुनाव नहीं’ : वेणुगोपाल

भाजपा की ‘एक राष्ट एक चुनाव’ के पीछे की मंशा ‘ एक राष्ट्र कोई चुनाव नहीं’ : वेणुगोपाल

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  • Publish Date - December 17, 2024 / 05:33 PM IST,
    Updated On - December 17, 2024 / 05:33 PM IST

बेलगावी(कर्नाटक), 17 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की व्यवस्था संबंधी दो विधेयकों को लोकसभा में पेश किये जाने को लेकर मंगलवार को केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के पीछे की स्पष्ट मंशा ‘एक राष्ट्र, कोई चुनाव नहीं’ है।

उन्होंने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को ‘अव्यावहारिक’ करार दिया और संसद में संबंधित विधेयकों के पारित होने पर संदेह व्यक्त किया।

वेणुगोपाल ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव का अभिप्राय और स्पष्ट मंशा – एक राष्ट्र, कोई चुनाव नहीं है। भाजपा का मुख्य एजेंडा एक राष्ट्र, कोई चुनाव नहीं है। वे बिल्कुल भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया नहीं चाहते हैं। पूरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को धीरे-धीरे नष्ट करने के लिए, वे एक राष्ट्र एक चुनाव का यह नया विचार ला रहे हैं।’’

कांग्रेस महासचिव ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कर्नाटक की अपनी विशेषता है। केरल की अपनी विशेषता है, इसी तरह मणिपुर और जम्मू कश्मीर की भी अपनी-अपनी विशेषता है। विविधता में एकता इस देश की खूबसूरती है। ये लोग (भाजपा) लोकतंत्र, विविधता में विश्वास नहीं करते हैं।’’

पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की व्यवस्था करने वाले विधेयक मंगलवार को तीखी बहस के बाद लोकसभा में पेश किए गए।

विपक्षी दलों ने मसौदा कानूनों – एक संविधान संशोधन विधेयक और एक साधारण विधेयक – को संघीय ढांचे पर हमला बताया। हालांकि, सरकार ने इस आरोप को खारिज कर दिया।

विपक्ष द्वारा मत विभाजन की मांग के बाद ये विधेयक प्रस्तुत किये गये।

भाषा धीरज प्रशांत

प्रशांत