उमर को श्रीनगर से चुनाव लड़ना चाहिए था, संसद में वह एक ‘महत्वपूर्ण’ प्रतिनिधि होते : कर्ण सिंह

उमर को श्रीनगर से चुनाव लड़ना चाहिए था, संसद में वह एक ‘महत्वपूर्ण’ प्रतिनिधि होते : कर्ण सिंह

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  • Publish Date - June 23, 2024 / 06:41 PM IST,
    Updated On - June 23, 2024 / 06:41 PM IST

(जेहरा शफी)

श्रीनगर, 23 जून (भाषा) वरिष्ठ कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने रविवार को कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर की बजाय बारामूला से लोकसभा चुनाव लड़कर ‘‘गलती’’ की है।

श्रीनगर, नेशनल कॉन्फ्रेंस का गढ़ है, जहां से पार्टी उम्मीदवार आगा रूहुल्लाह मेहदी ने जीत हासिल की।

सिंह (93) ने कहा कि अगर उमर अब्दुल्ला जीत जाते तो वह संसद में एक ‘महत्वूपर्ण प्रतिनिधि’ होते। उन्होंने इंजीनियर रशीद की बारामूला सीट से दो लाख से अधिक मतों से जीत को ‘‘नाटकीय’’ करार दिया, जो गैर-कानूनी गतिविधि निरोधक कानून (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत जेल में हैं और जिन्होंने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा।

कश्मीर के अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह के बेटे कर्ण सिंह ने कहा कि उन्हें पता नहीं है कि ‘इंजीनियर रशीद’ के नाम से मशहूर शेख अब्दुल रशीद जेल से रिहा होंगे या नहीं, लेकिन उनकी जीत से यह संदेश गया है कि लोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से खुश नहीं हैं।

सिंह ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘उमर ने वही गलती की जो मैंने उधमपुर (लोकसभा सीट) से जम्मू जाकर की थी। वह श्रीनगर से बारामूला चले गए। उमर को ऐसा नहीं करना चाहिए था। उन्हें श्रीनगर से चुनाव लड़ना चाहिए था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें संसद में उनकी जरूरत थी। उमर अगर संसद में होते तो यह उपयोगी होता। वह एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधि होते।’’

कांग्रेस नेता ने 1967, 1971, 1977 और 1980 में पार्टी के टिकट पर उधमपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। वर्ष 1984 में जब वह निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने के लिए जम्मू चले गए तो वह लोकसभा चुनाव हार गए।

वर्ष 1952 से 1965 तक पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के ‘सद्र-ए-रियासत’ रहे सिंह ने इस केंद्र शासित प्रदेश का राज्य का दर्जा बहाल करने और विधानसभा चुनाव कराने का भी आह्वान किया।

केंद्र ने 2019 में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया था, जो जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देता था, और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख- में विभाजित कर दिया था।

सिंह ने कहा, ‘‘आज का जम्मू-कश्मीर महाराजा के समय से बिलकुल अलग है। हमारे पास एक बहुत ही खास दर्जा था जो अब खत्म हो चुका है। इतना ही नहीं, अब केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर हम हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों से भी ‘कनिष्ठ’ हैं, जो वाकई स्वीकार्य नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि सबसे पहली जरूरत अब राज्य का दर्जा बहाल करना और चुनाव कराना है। केंद्र शासित प्रदेश के लिए चुनाव करना एक नगर परिषद के लिए चुनाव करने जैसा है। केंद्र शासित प्रदेश के पास कोई शक्ति नहीं है।’’

हालिया लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘अब सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, ‘इंडिया’ गठबंधन भी आकार ले रहा है। हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में क्या हुआ? समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन ने अधिकतर सीटें हासिल कीं। मुझे लगता है कि ‘इंडिया’ गठबंधन निश्चित रूप से और मजबूत होगा।’’

भाषा

शफीक सुरेश

सुरेश