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नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) राजस्थान के कोटा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद ओम बिरला बुधवार को फिर से लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद, पिछले दो दशक से अधिक समय में इस पद पर दोबारा आसीन होने वाले पहले नेता बन गये। इसी के साथ सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में संसद के इस प्रतिष्ठित पद पर लगातार दो बार निर्वाचित होने वाले वह पहले नेता बन गये हैं।
लोकसभा में विपक्ष द्वारा मत विभाजन पर जोर नहीं दिये जाने के कारण बिरला को दोबारा इस पद पर ध्वनिमत से निर्वाचित घोषित किया गया। लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के समय आसन पर कार्यवाहक अध्यक्ष भर्तृहरि महताब आसीन थे तथा बिरला को निर्वाचित घोषित किए जाने के बाद उन्होंने भाजपा नेता को आसन सौंप दिया।
हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में बिरला कोटा लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार सांसद निर्वाचित हुए। कांग्रेस ने उनके सामने भाजपा से आए प्रहलाद गुंजल को खड़ा किया था। बिरला ने गुंजल को 41 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराकर कोटा लोकसभा सीट फिर जीती।
बिरला को मंगलवार को राजग की तरफ से सर्वसम्मति से पुन: लोकसभा अध्यक्ष का उम्मीदवार बनाया गया था। दोबारा इस पद पर निर्वाचित होने के बाद दो दशक से अधिक समय में वह इस पद पर दोबारा आसीन होने वाले पहले व्यक्ति बन गये हैं।
भाजपा में उनसे पहले सुमित्रा महाजन लोकसभा अध्यक्ष रह चुकी हैं। किंतु इस पद पर लगातार दोबारा निर्वाचित होने वाले बिरला पार्टी के पहले नेता हैं।
बिरला को पर्दे के पीछे रहकर संगठन के लिए काम करने वाला नेता माना जाता है। उन्होंने साल 1991 से 2003 तक भाजपा की युवा शाखा के लिए काम किया और इस दौरान भाजपा के आम कार्यकर्ता से लेकर बड़े नेताओं के संपर्क में आए। 2019 में सबको चौंकाते हुए लोकसभा अध्यक्ष के लिए उनका नाम प्रस्तावित किया गया।
बिरला पहले ऐसे लोकसभा अध्यक्ष हैं जिनके कार्यकाल में कोई लोकसभा उपाध्यक्ष नहीं चुना गया।
बिरला के नाम संसद के पुराने और नये दोनों भवनों में लोकसभा की अध्यक्षता करने का रिकॉर्ड भी दर्ज है।
सत्रहवीं लोकसभा में उनके अध्यक्ष रहने के दौरान तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को सदन से निष्कासित किए जाने और बड़ी संख्या में सांसदों को निलंबित किए जाने के कारण भी उनका कार्यकाल सुर्खियों में रहा था।
सत्रहवीं लोकसभा के दौरान ही 2023 में नयी संसद का उद्घाटन हुआ और नये लोकसभा कक्ष में बिरला ने अध्यक्ष के रूप में निचले सदन की कार्यवाही का संचालन किया।
उनके पिछले कार्यकाल में संसद में अनुच्छेद 370 समाप्त होने, नागरिकता संशोधन कानून लागू होने, तीन आपराधिक कानून लागू होने समेत अनेक महत्वपूर्ण विधायी कामकाज हुए।
बासठ वर्षीय बिरला के लिए कोटा जन्मभूमि व कर्मभूमि दोनों रही है। उन्होंने स्कूली शिक्षा कोटा के गुमानपुरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से की और उसके बाद बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से बी कॉम तथा एम कॉम किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17वीं लोकसभा की अंतिम बैठक में बिरला की प्रशंसा करते हुए कहा था कि उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती है। आज भी उन्होंने कहा कि बिरला की मीठी-मीठी मुस्कान पूरे सदन को प्रसन्न रखती है।
भाषा माधव हक मनीषा
मनीषा