अधिकारी महिला सम्मान योजना की अर्हता तैयार करने के लिए मप्र और महाराष्ट्र का अध्ययन करें : गहलोत

अधिकारी महिला सम्मान योजना की अर्हता तैयार करने के लिए मप्र और महाराष्ट्र का अध्ययन करें : गहलोत

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  • Publish Date - July 4, 2024 / 06:42 PM IST,
    Updated On - July 4, 2024 / 06:42 PM IST

नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्री कैलाश गहलोत ने विभाग के अधिकारियों से कहा कि सरकार की मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना की अर्हता तय करने के लिए वे मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र में महिलाओं को दी जा रही मासिक भत्ते की योजनाओं का अध्ययन करें। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि गहलोत ने बुधवार को महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ इस योजना पर चर्चा के लिए बैठक की।

इस योजना में वित्त वर्ष 2024-25 से 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं को 1,000 रुपये मासिक देने का प्रस्ताव है।

एक अधिकारी ने बताया, ‘‘बैठक के दौरान मंत्री ने अधिकारियों को मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में क्रियान्वित की जा रही योजनाओं का अध्ययन करने का निर्देश दिया। दिल्ली में इस योजना की घोषणा वित्त मंत्री आतिशी ने की थी। उन्होंने कहा था कि 18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं इस योजना के लिए पात्र होंगी।’’

मध्य प्रदेश में इस योजना का नाम ‘लाड़ली बहना योजना’ है। इस योजना के तहत 23-60 वर्ष की आयु की महिलाओं को कुछ शर्तों के साथ 1,000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे, जिसमें यह भी शामिल है कि वे आयकरदाता नहीं होनी चाहिए और उनके परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।

महाराष्ट्र में इस योजना के लिए पंजीकरण शुरू हो चुका है। ‘मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन योजना’ के नाम से शुरू की गई इस योजना के तहत 21 से 65 साल की उम्र की विवाहित, तलाकशुदा और बेसहारा महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये मिलेंगे।

अधिकारी ने बताया, ‘‘बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को दोनों राज्यों का दौरा कर यह अध्ययन करने की सलाह दी कि योजना का क्रियान्वयन किस प्रकार किया जा रहा है। आने वाले दिनों में विभाग के अधिकारी इन राज्यों का दौरा करेंगे।’’

अधिकारी ने बताया कि योजना के लाभार्थियों की पहचान उनकी आय के आधार पर की जाएगी, लेकिन मानदंड की ऊपरी सीमा तय की जानी है।

उन्होंने बताया, ‘‘बैठक में मानदंडों पर विभिन्न सुझाव दिए गए। उदाहरण के लिए, यह सुझाव दिया गया कि आय मानदंड 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष तय किया जाना चाहिए। यह भी प्रस्ताव किया गया कि जिन महिलाओं के नाम पर वाहन पंजीकृत हैं या जो कामकाजी हैं, उन्हें योजना के दायरे से बाहर रखा जाए।’’

भाषा

धीरज माधव

माधव