नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) नये भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) के तहत जो जांच अधिकारी ‘ई-प्रमाण’ मोबाइल ऐप से अच्छी तरह वाकिफ नहीं हैं, उनके साथ एक टीम होगी जो वीडियो या ऑडियो साक्ष्य रिकॉर्ड करने में उनकी मदद करेगी।
अधिकारियों ने बताया कि इस ऐप के डेटा प्राथमिकी दर्ज करने समेत विभिन्न प्रक्रियाओं में मदद करेंगे।
बीएसए ने साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है और वह सोमवार को दो अन्य आपराधिक कानूनों — भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के साथ प्रभाव में आया। बीएनएस और बीएनएसएस ने क्रमश: भारतीय दंड संहिता एवं दंड प्रक्रिया संहिता का स्थान लिया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कुछ जांच अधिकारियों (आईओ) को ऐप का इस्तेमाल करने में दिक्कत आ रही हैं, ऐसे में उनके साथ इस ऐप का इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षित टीम भी भेजी जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि ये टीम उन अधिकारियों के सहकर्मियों को भी ऐप का इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण देंगी।
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि यदि किसी जांच अधिकारी के साथ ऐसी टीम नहीं है और उन्हें सहायता की आवश्यकता है तो वह हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते/सकती हैं।
पुलिस पुराने और नये कानूनों के बीच के फर्क को समझने के लिए अन्य मोबाइल ऐप का भी इस्तेमाल करेगी।
दिल्ली पुलिस के 35,000 से अधिक कर्मियों को बीएनएस, बीएनएसएस और बीएसए के प्रावधानों को समझाने और इन्हें लागू करने के तौर-तरीके के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।
भाषा
राजकुमार वैभव
वैभव