ओडिशा में प्रतिदिन तीन बाल विवाह, नबरंगपुर जिला सूची में शीर्ष पर

ओडिशा में प्रतिदिन तीन बाल विवाह, नबरंगपुर जिला सूची में शीर्ष पर

ओडिशा में प्रतिदिन तीन बाल विवाह, नबरंगपुर जिला सूची में शीर्ष पर
Modified Date: March 22, 2025 / 06:22 pm IST
Published Date: March 22, 2025 6:22 pm IST

भुवनेश्वर, 22 मार्च (भाषा) प्रशासन द्वारा कई पहल किए जाने के बावजूद ओडिशा में पिछले छह वर्षों के दौरान हर दिन कम से कम तीन बाल विवाह के मामले सामने आए हैं। यह जानकारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार है।

इस क्षेत्र में काम करने वाले कार्यकर्ता इस चौंकाने वाले आंकड़े के लिए आदिवासी प्रथा, दहेज, मजदूर परिवारों के पलायन और माता-पिता के इस डर को जिम्मेदार मानते हैं कि बेटियां भाग सकती हैं।

आंकड़ों से पता चलता है कि 2019 से फरवरी 2025 तक ओडिशा भर में 8,159 बाल विवाह हुए हैं। उनमें से नबरंगपुर में 1,347 मामले सामने आए हैं, जो उस अवधि के दौरान ओडिशा के सभी 30 जिलों में सबसे अधिक है।

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गंजाम जिला 966 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि कोरापुट 636 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है। इसके बाद मयूरभंज (594), रायगढ़ (408), बालासोर (361), क्योंझर (328), कंधमाल (308) और नयागढ़ (308) का स्थान है।

इन छह वर्षों में झारसुगुड़ा जिले में ऐसे सबसे कम 57 मामले पाए गए हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता नम्रता चड्ढा ने कहा, ‘बाल विवाह को रातों-रात पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता। हमें लड़कियों और उनके माता-पिता के लिए ऐसा माहौल और समाज बनाना होगा ताकि वे ऐसे कदम न उठाएं।’

एक अधिकारी ने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए ओडिशा सरकार हर तीन महीने में पंचायत, ब्लॉक और आंगनवाड़ी स्तर पर जागरूकता अभियान चला रही है।

कम उम्र में विवाह के साथ-साथ राज्य बाल श्रम की चुनौती से भी जूझ रहा है।

इन्हीं छह वर्षों में प्राधिकारियों ने मजदूरी कर रहे 328 बच्चों को बचाया है।

भाषा

शुभम रंजन

रंजन


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