संबलपुर(ओडिशा), 21 जनवरी (भाषा)ओडिशा के बारगढ़ में एक महिला के कथित अपहरण के मामले में पुलिस की ‘निष्क्रियता’ के विरोध में स्थानीय संगठन द्वारा बुलाए गए 12 घंटे के बंद से सामान्य जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
बंद का आह्वान बारगढ़ सचेतन नागरिक मंच ने किया था और विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद)और कांग्रेस ने इसका समर्थन किया था।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और प्रमुख सड़कों पर प्रदर्शन किया, जिससे यातायात प्रभावित हुआ। उन्होंने बताया कि बारगढ़-रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रदर्शन की वजह से सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं।
बंद का आह्वान करने वाले संगठन ने दावा किया कि दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं लेकिन आपातकालीन सेवाओं को इसके दायरे से बाहर रखा गया है।
मंच नेता जुगनू जगदाला ने कहा, ‘‘हम सड़कों पर उतरे क्योंकि पुलिस घटना के आठ दिन बाद भी मुख्य आरोपी को पकड़ने में विफल रही।’’
विरोध प्रदर्शन में शामिल राज्य की पूर्व मंत्री और बीजद नेता स्नेहांगिनी छुरिया ने आरोप लगाया कि पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही है।
बारगढ़ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) बी.एस.मीणा ने ‘ पीटीआई-भाषा’ से फोन पर की गई बातचीत में कहा,‘‘महिला आरोपी व्यक्तियों से परिचित थी। गिरफ्तार किए गए चार लोगों में से दो को पहले एक शॉपिंग मॉल में महिला के साथ सीसीटीवी कैमरे में देखा गया था। यह यौन उत्पीड़न का मामला नहीं है जैसा कि चिकित्सक ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है। मामले की जांच चल रही है और पीड़िता को न्याय मिलेगा।’’
पुलिस ने इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
यह घटना 12 जनवरी की शाम को हुई जब 24 वर्षीय दलित महिला बारगढ़ शहर में धनु यात्रा देखने के बाद अपने घर लौट रही थी। उसके परिवार ने बारगढ़ टाउन पुलिस थाना में उसकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी।
महिला को स्थानीय लोगों ने कुर्ला जंगल से बचाया था। महिला को वीर सुरेंद्र साईं इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (वीआईएमएसएआर) में भर्ती कराया गया था।
अस्पताल के अधीक्षक प्रोफेसर लालमोहन नायक ने बताया कि महिला का यौन उत्पीड़न नहीं हुआ था।
भाषा धीरज नरेश
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